कोरोना के एंडेमिक बनने से जिंदगी सामान्य नहीं होगी, मलेरिया भी एंडेमिक जिसने ली लाखों लोगों की जान- एक्सपर्ट
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने कहा कि यदि कोरोना महामारी एंडेमिक बन भी गई तो भी इसका खतरा कम नहीं होगा।
नई दिल्ली, 26 जनवरी। भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तांडव मचा रहा है। अब तक लाखों-करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं, तमाम देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, लेकिन कोरोना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के डेल्टा वेरियएंट के बाद अब पूरा विश्व ओमिक्रॉन से जूझ रहा है। कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमिक्रॉन के बाद महामारी जल्द ही एंडेमिक (स्थानीय बीमारी) बन सकती है। हालांकि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने कहा कि उन्हें इसकी संभावना बेहद कम नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे निराशा होती है जब एक्सपर्ट्स कोरोना पेंडेमिक को लेकर आगे कुछ न करने की मंशा जताते हुए इसके लिए एंडेमिक शब्द का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक के अध्ययन से मुझे लगता है कि कोरोना वायरस के और भी खतरनाक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने इसको लेकर प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका में एक लेख भी लिखा है।
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उन्होंने कहा कि कोरोना के बारे में यह कहना कि जल्द ही यह एंडेमिक (स्थानीय बीमारी) बन जाएगी, और इसका इलाज ज्यादा मुश्किल नहीं रहेगा, जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि कोरोना वायरस स्वाभाविक रूप से खत्म हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि यदि यह महामारी एंडेमिक बन भी गई तो भी इसका खतरा कम नहीं होगा। एरिस काटजोराकिस ने कहा कि मलेरिया भी अब एंडेमिक बन चुका है लेकिन 2020 में मलेरिया ने 600000 लोगों की जान ली। जबकि टीबी की वजह से उसी साल 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि एंडेमिक का यह बिल्कुल भी नहीं कि जिंदगी फिर से सामान्य हो जाएगी।