पाकिस्तानी कोर्ट पहुंचा लश्कर सरगना हाफिज सईद, बोला- लश्कर-ए-तैयबा से लेना देना नहीं
नई दिल्ली- मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने अब पाकिस्तानी अदालत से कहा है कि उसका मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से लेना देना ही नहीं है। हाफिज ने मंगलवार को लाहौर हाई कोर्ट में टेरर फाइनेंसिंग केस में खुद की गिरफ्तारी को भी चुनौती दी है और अपने खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर खारिज करने की गुजारिश की है।
गुनाह से पीछा छुड़ाना चाहता है आतंकी
जमात-उद-दावा सरगना हाफिज संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित वही पाकिस्तानी आतंकी है, जिसपर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है। अब हाफिज के वकीलों ने अदालत में दावा किया है कि उसका और इस केस से जुड़े 67 दूसरे आरोपियों का लश्कर-ए-तैयबा से कोई ताल्लुकात नहीं है। कोर्ट से गुजारिश की गई है कि इस आधार पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर का कोई कानून प्राधिकार नहीं है और न ही कानूनी तौर पर इसकी कोई मान्यता है, इसलिए उसे रद्द किया जाना चाहिए। हाफिज ने कोर्ट से अपील की है कि वह ये घोषित करे कि जिन संपत्तियों का ब्योरा एफआईआर में दिया गया है, उसका इस्तेमाल मस्जिदों के उद्देश्य से किया जा रहा है। उसने कहा, 'यह अपील की जाती है कि यह कोर्ट घोषित करे कि किसी भी याचिकाकर्ता का लश्कर से संबंध नहीं है और लिहाजा एफआईआर बिना कानून का पालन किए दर्ज की गई और इसे खारिज कर दिया जाए।'
टेरर फंडिंग केस में है गिरफ्तार
सईद और उसके आतंकी गुर्गों के खिलाफ टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने 23 एफआईआर दर्ज किए थे। सीटीडी ने साफ कहा है कि इन संदिग्धों ने आतंकवाद से जुटाए फंड संपत्ति बनाए। यही नहीं इन्होंने इस फंड का आगे भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया। इस वजह से डिपार्टमेंट ने उन्हें कई तरह के अपराधों का गुनहगार माना है, जिसमें टेररिज्म फाइनेंसिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी-टेररिज्म एक्ट 1997 से जुड़े मामले में शामिल है। जाहिर है कि ये सारे आरोप बेहद संगीन हैं। बता दें कि हाफिज सईद को पिछले 17 जुलाई को टेरर फाइनेंसिंग केस में पंजाब के गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया था। टेरर फाइनेंसिंग कोर्ट की सुनवाई पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट 2 सितंबर को करेगी। हाफिज को अभी लाहौर के कोट लखपत जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है हाफिज
गौरतलब है कि हाफिज सईद अभी जमात-उद-दावा नाम के जिस संगठन का सरगना बना हुआ है, उसे लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा माना जाता है, जो 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। मुंबई हमलों में 166 बेगुनाहों की हत्या हो गई थी। 2008 के दिसंबर में ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव पास करके उसपर प्रतिबंध लगा रखा है। 2012 में अमेरिका ने उसे विशेष ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करके उसपर एक करोड़ का ईनाम घोषित कर रखा है।
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