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जर्नल द लैंसेट ने भारत में कोरोना की भयावह स्थिति के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार, की तीखी आलोचना

जर्नल द लैंसेट ने भारत में कोरोना की भयावह स्थिति के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार, की तीखी आलोचना

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नई दिल्ली, 09 मई: दुनिया के सबसे मशहूर मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने अपने संपादकीय में भारत की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका द लैंसेट ने शनिवार (08 मई) को संपादकीय में कहा है, ''भारत में कोरोना वायरस को शुरुआत में कंट्रोल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने "आत्म-उकसावे वाली राष्ट्रीय तबाही" की है।'' संपादकीय में पीएम मोदी की आलोचना करते लिखा गया है, ''कोरोना काल जैसे मुश्किल वक्त में भी भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का ध्यान ट्विटर पर अपनी आलोचना को दबाने पर अधिक है और कोविड-19 महामारी पर कंट्रोल करने में कम है।'' द लैंसेट ने लिखा है, ''ऐसे मुश्किल वक्त में मोदी की अपनी आलोचना और खुली बहस को दबाने की कोशिश माफी के काबिल नहीं है।''

Narendra Modi

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'सरकार की कोविड टास्क फोर्स अप्रैल तक एक बार भी नहीं नहीं मिली'

मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने कहा, ''भारत ने कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में अपनी शुरुआती सफलताओं पर पानी फेर दिया है। सरकार की कोविड टास्क फोर्स अप्रैल तक एक बार भी नहीं नहीं मिली। अप्रैल तक कई महीने बीते जाने के बाद भी कोविड-19 टास्क फोर्स पूरी इनकी तैयार नहीं हुई थी। जिसका नतीजा आज हमारे सामने है। भारत में जब अब महामारी अपने चरम पर है तो भारत को नए सिरे से कदम उठाने की जरूरत है। इन प्रयासों के बाद भी इसकी सफलता इसपर निर्भर करती है कि सरकार अपनी गलतियों को मानती है और भारत को एक पारदर्शिता के साथ नेतृत्व देती है या नहीं।''

'भारत ने कोरोना की दूसरी लहर को किया अनदेखा'

मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने भारत सरकार की उन सभी दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें ये कहा जा रहा था कि कोरोना देश में कम हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर की बार-बार चेतावनी देने के बाद और कोरोना नए स्ट्रेन मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। भारत ने दूसरी लहर की चेतावनी के बाद भी धार्मिक आयोजन कराने की अनुमति दी, राजनीतिक रैलियां की गईं।

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लैंसेट ने सुझाव दिया है कि भारत में जब तक वैक्सीनेशन तेजी से शुरू नहीं होता है तब तक इसे रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाने होंगे। लैंसेट ने सुझाव दिया है कि देश में हर 15 दिन पर लोगों को अपडेट दिया जाना चाहिए कि आखिर क्या हो रहा है और कोरोना को काबू करने के लिए क्या किया जा रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन की भी बात होनी चाहिए।

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English summary
Lancet says Modi's actions in attempting to stifle criticism during crisis inexcusable
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