वाजपेयी के निधन पर भावुक हुए आडवाणी, कुछ ऐसे किया याद
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उनके पुराने सहयोगी लालकृष्ण अडवाणी ने कहा है कि मैंने 65 साल से अपने दोस्त रहे शख्स को को दिया है। आडवाणी ने कहा कि मैं उन्हें कभी नहीं भूल पाऊंगा। हम 65 साल से मित्र थे। उनका दुनिया से चले जाना मेरे लिए व्यक्तिगत नुकसान है। मैं उन्हें बहुत याद करूंगा। आडवाणी ने कहा कि इस घड़ी में दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।
वाजपेयी मेरे लिए कुछ खास थे
आडवाणी ने अपने बयान में कहा है कि आज मेरे पास शब्द नहीं हैं। भारत के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी को हमने खो दिया है। मेरे लिए वो एक वरिष्ठ साथी से भी बढ़कर थे। 65 साल से भी ज्यादा समय तक वो मेरे सबसे करीबी दोस्त रहे थे। मेरे पास उनकी यादें, आरएसएस के प्रचारक के दिनों से, भारतीय जन संघ की स्थापना, आपातकाल के दौरान हमारा संघर्ष, आगे जनता पार्टी का बनना और बाद में 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक बहुत सारी हैं।
मुझे वो बहुत याद आएंगे
आडवाणी ने कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता, देशभक्ति का जज्बा, शानदार वक्ता थे। इससे भी बढ़कर उनमें करुणा, नम्रता बहुत थी। विचारधारा को लेकर मतभेदों के बावजूद प्रतिद्वंद्वियों को जीतने की उनकी शानदार क्षमता का मेरे सार्वजनिक जीवन में गहरा प्रभाव पड़ा। मेरे सीनियर के तौर पर उन्होंने हमेशा हरसंभव तरीके से मुझे प्रोत्साहित और गाइड किया। मुझे वो बहुत याद आएंगे।
जिस दोस्त को इस्तीफा देने से रोका था, उसके तीन दिन बाद चल दिए अटल
गुरुवार शाम ली अंतिम सांस
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे वाजपेयी ने 93 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। एम्स में भर्ती वाजपेयी की हालत गंभीर बनी हुई थी और वो वेंटिलेटर पर थे। पांच दशक से ज्यादा वक्त तक भारतीय राजनीति में एक अहम चेहरा रहे वाजपेयी ने गुरुवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर आखिरी सांस ली। वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था।