VIDEO:महिला स्वीपर पीठ पर अपने बच्चे को बांधकर क्यों निभाती है ड्यूटी,लक्ष्मी की दिल छू लेने वाली मजबूरी जानिए
मयूरभंज, 29 मई: ओडिशा की लक्ष्मी मुखी को अपने काम की जिम्मेदारी और मां होने का फर्ज दोनों एकसाथ निभानी पड़ रही है और इससे उन्हें कोई शिकायत या गिला शिकवा भी नहीं है। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है कि पेट के लिए वह अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ सकती और बच्चे को रखने के लिए घर पर दूसरा कोई है भी नहीं। वह बारीपदा नगरपालिका में काम करती हैं और उसके चेयरमैन का कहना है कि पालिका कर्माचरियों को निर्देश दिया हुआ है कि लक्ष्मी को किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। लेकिन, लक्ष्मी के इस जज्बे को देखकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। (पूरा वीडियो आखिर में देखें)
काम की जिम्मेदारी और मां का फर्ज एकसाथ निभा रहे हैं लक्ष्मी
ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक मां की जज्बे को सोशल मीडिया सलाम ठोक रहा है। मामला बारीपदा नगरपालिका का है। जहां लक्ष्मी नाम की महिला स्वीपर अपने पीठ पर अपने मासूम बच्चे को बांधकर अपनी ड्यूटी निभाने में लगी हुई है। उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह सड़कों की सफाई करती दिख रही है, साथ में मां होने की भी जिम्मेदारी निभा रही है। सबसे बड़ी बात ये है कि लक्ष्मी मुखी के जिस अंदाज को देखकर सोशल मीडिया हैरानी जता रहा है, वहीं खुद उस मां के लिए इसमें कुछ भी बड़ा नजर नहीं आ रहा है। वह कह रही है कि मैं अकेली हूं और घर में बच्चे को अकेले छोड़ नहीं सकती। उसे इसमें कोई भी परेशानी नहीं है।
मैं अपने घर में अकेली हूं- लक्ष्मी मुखी
लक्ष्मी मुखी से जब उसके इस तरह से ड्यूटी निभाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उसने कहा है, 'मैं पिछले 10 वर्षों से बारीपदा नगरपालिका में काम कर रही हूं। मैं अपने घर में अकेली हूं, इसलिए मुझे अपने बच्चे को पीठ पर बांधकर काम करना पड़ता है। मेरे लिए यह कोई समस्या नहीं है, यह मेरी ड्यूटी है।' लक्ष्मी ने चंद शब्दों में समझा दिया है कि वह एकसाथ किस तरह से अपनी काम की जिम्मेदारी भी निभा रही है और मां होने का पूरा फर्ज भी पूरा कर रही है और वह इसके लिए किसी को दोष भी नहीं देना चाहती।
'अगर कोई समस्या होती है तो हम उसको सपोर्ट करेंगे'
बारीपदा नगरपालिका के अधिकारियों का कहना है कि निजी कारणों से लक्ष्मी मुखी को ऐसा करना पड़ रहा है, लेकिन पालिका कर्मियों से कहा गया है कि उसका ख्याल रखें। बारीपदा नगरपालिका के चेयरमैन बादल मोहंती के मुताबिक, 'लक्ष्मी मुखी हमारी सफाई कर्मचारी है। कुछ निजी कारणों की वजह से वह अपने बच्चे को अपने साथ ही रखती है और हर दिन अपनी ड्यूटी करती है। मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दे रखा है कि उसकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें, अगर कोई समस्या होती है तो हम उसको सपोर्ट करेंगे।'
बाल संगठनों को ध्यान देना चाहिए- सोशल मीडिया
लेकिन, सोशल मीडिया पर लक्ष्मी के इस जज्बे पर लोग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है, 'यह हीरो वाला काम नहीं है....लेकिन दिल दहलाने वाला है! तेज धूप में बच्चा पीठ से बंधा है, सारा धूल और धुआं सांस में जा रहा है...प्रत्येक बच्चा स्वच्छ, पोषण और आरामदायक जीवन का हकदार है। जब वह जीने के लिए कुछ कमाती है तो बाल संगठनों को बच्चे की देखभाल करनी चाहिए।'
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'गरीबी की अपने देश में यही स्थिति है'
एक और यूजर ने लिखा है, 'गरीबी की अपने देश में यही स्थिति है। सरकार को दोष देने की जगह अपने आसपास ऐसे लोगों की मदद देना शुरू करें। 70 वर्षों से दोषारोपण किया जा रहा है और चलता रहेगा। गरीब लोगों का उत्थान, 'जन आंदोलन' बनना चाहिए। आस-पास से अभी शुरू करें।' एक और यूजर ने ट्विटर पर लिखा है, 'ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में जाइए और यहां तक कि उत्तर पूर्व के भी कुछ हिस्सों में। यह बहुत ही सामान्य सी बात है कि माएं अपने बच्चों को इसी तरह से लेकर यहां तक की खेतों में भी काम करती हैं.....बहुत ही स्वाभाविक है।'