Ladakh standoff:चीन का इरादा क्या है ? LAC के पास भारी संख्या में जुटाए टैंक और जवान- रिपोर्ट
Ladakh standoff:लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर तनाव कम करने को लेकर मिलिट्री कमांडर स्तर की नौ दौर की बातचीत के बावजूद लगता है कि चीन भारत को उकसाने वाली कार्रवाई से बाज नहीं आ रहा है। एक वीडियो सामने आया है,जिसमें दिख रहा है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (People's Liberation Army) एलएसी के पास बड़ी तादाद में सैन्य जमावड़ा करने में जुटी हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) ने भारतीय सीमा से सटे इलाके में करीब 350 अत्याधुनिक युद्धक टैंकों समेत बड़ी संख्या में जवानों को उतार दिया है। ये तैनाती साउथ बैंक इलाके में भी की गई है, जहां से वह भारत को पहले अपने सैनिक पीछे करने को कह रहा है।
चीन ने LAC के पास भारी संख्या में जुटाए टैंक और जवान
लद्दाख (Ladakh)में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)के नजदीक का एक वीडियो सामने आया है, जिससे चीन के किसी बहुत ही खौफनाक इरादे का संकेत मिल रहा है। इसके मुताबिक चीन भारी संख्या में अपने सैनिक (Chinese troops), बख्तरबंद टैंक (armoured tanks) और मिलिट्री ट्रकों (military trucks) को एलएसी (LAC)के पास इकट्ठा कर रहा है। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की सेना ने सीमा के पास करीब 350 टैंक उतार दिए हैं। इसमें बहुत बड़ी तादाद उसके अत्याधुनिक युद्धक टैंक (most sophisticated main battlefield tank) टाइप 99 (Type 99) की है, जो भारतीय सीमा से कुछ ही दूरी पर तैनात किए गए हैं। ये युद्धक टैंक लद्दाख के देसपांग और पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे समेत कई इलाकों में तैनात किए गए हैं।
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चीन का इरादा क्या है ?
बता दें कि एलएसी से दोनों देशों की सेना के जमावड़े और तनाव को कम करने के लिए पिछले 24 जनवरी को ही दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर पर चीन की तरफ पूर्वी लद्दाख के मोलडो सीमा पर नौवें दौर की बातचीत हुई है। 16 घंटे की इस बातचीत के बाद दोनों देशों के सैन्य कमांडर स्तर की ओर से एक साझा बयान जारी कर कहा गया था कि यह चर्चा 'सकारात्मक, व्यावहारिक और रचनात्मक' रही। इसके कुछ ही दिनों बाद चीन ने यहां तक कहा था कि भारत के साथ सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। लेकिन, फिर एकबार कथनी और करनी में अंतर दिखाते हुए चीन जिस तरह से पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाकों में अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा रहा है, उसके इरादे कतई नेक नहीं माने जा सकते।
पिछले साल 5 मई से जारी है तनाव
बता दें कि लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन की सेना पिछले साल 5 मई से ही कई जगहों पर आमने-सामने की स्थिति में हैं। यह तनाव जून में तब चरण पर पहुंच गया था, जब गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने पेट्रोलिंग कर रहे है भारतीय जवानों पर धोखे से घात लगाकर हमला कर दिया। इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए, लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक इस खूनी झड़प में हताहत होने वाले चीन के सैनिकों की तादाद कई गुना ज्यादा थी।
लद्दाख में चीन चल रहा है कोई नई चाल?
गलवान घाटी की घटना के बाद से भारतीय सेना ने कई जगहों पर अपनी स्थिति काफी मजबूत की है और उसी का बदला लेने के लिए चीन में कई बार छटपटाहट साफ-साफ महसूस की गई है। खासकर पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की महत्वपूर्ण चोटियों पर भारतीय जवानों ने जिस तरह से अपना डेरा जमाया है, उससे पीएलए की सारी रणनीति धरी की धरी रह गई है। रिपोर्ट बताती हैं कि पहले गलवान घाटी में और फिर पैंगोंग लेक के साउथ बैंक पर चीन की सेना की जो कमजोरी सामने आई है, उससे चीन में शी जिनपिंग की सरकार भारी दबाव में है; इसलिए अगर वो लद्दाख में फिर से अपनी सेना की तैनाती बढ़ा रहा है तो इसके पीछे उसकी कोई बड़ी चाल भी हो सकती है। (तस्वीर सौजन्य- टाइम्स नाउ वीडियो)
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