लॉकडाउन में फंसे मजदूरों का दर्द, 'अमीरों को करोड़ों खर्च कर विदेश से लाई सरकार, गरीबों से ले रही किराया'
नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की घर वापसी करवाई जा रही है। इसके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं, जिसमें यात्रियों से सामान्य किराए से भी 50 रुपये ज्यादा वसूला जा रहा है। सरकार के इस फैसले से मजदूर नाराज हैं। जिसका अब विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वो अमीरों को विदेशों से फ्री में लेकर आई, जबकि गरीबों को घर जाने के लिए किराया देना पड़ रहा है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्र सरकार से श्रमिक ट्रेन को फ्री करने की मांग की है।
इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने से लॉकडाउन में फंसे लोगों को एक ओर जहां राहत मिली है तो वहीं दूसरी ओर वो किराया वसूली से नाराज हैं। तेलंगाना से झारखंड लौटे एक श्रमिक ने कहा कि ऐसा लग रहा सरकार मजूदरों के साथ मजाक कर रही है। लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया था। हमारे पास खाने के पैसे नहीं थे, जिस वजह से हम घर आना चाहते थे। ऐसे में सरकार हमसे ट्रेन का किराया ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास पैसा होते ही तो हम घर क्यों आते।
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वहीं एक दूसरे मजदूर ने कहा कि जब विदेशों से लोगों को लाने की बारी थी तो सरकार ने अमीर लोगों के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। हम देश के विकास के लिए दिन रात मेहनत करते हैं, इसके बावजूद सरकार हमें घर भेजने के लिए पैसा ले रही है। मामले में गृह मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव विश्वास मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन हम किसी को फ्री टिकट नहीं दे रहे हैं। टिकट देने का काम रेलवे कर रहा है। जिसे घर जाना है वो अपना किराया वहन करेगा। इस दौरान खाने-पानी की व्यवस्था सरकार करेगी।
कई
मुख्यमंत्रियों
ने
किया
विरोध
श्रमिक
ट्रेन
में
किराया
वसूली
पर
कई
मुख्यमंत्रियों
ने
आपत्ति
जताई
है।
शनिवार
को
झारखंड
के
मुख्यमंत्री
हेमंत
सोरेन
ने
कहा
था
कि
केंद्र
सरकार
मजूदरों
से
किराया
लेकर
उनके
साथ
अन्याय
कर
रही
है।
वहीं
सीएम
उद्धव
ठाकरे
ने
रविवार
को
कहा
कि
प्रवासी
मजदूर
कई
दिनों
के
बाद
अब
अपने
घरों
को
लौट
सकते
हैं।
मौजूदा
वक्त
में
उनकी
वित्तीय
स्थिति
खराब
हो
गई
है,
इसलिए
रेलवे
को
मानवीय
आधार
पर
उनसे
किराया
नहीं
लेना
चाहिए।
उत्तर
प्रदेश
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
ने
भी
राज्य
और
केंद्र
सरकार
पर
इसको
लेकर
निशाना
साधा
है।
उन्होंने
मजदूरों
को
फ्री
यात्रा
सुविधा
देने
की
मांग
की
है।