बापू को गाली देने वाले काली चरणदास महाराज की पूरी कुडंली, ऐसे बना कालीपुत्र
नई दिल्ली, 28 दिसंबर: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पिछले दिनों हुई धर्म संसद में कालीचरण महाराज द्वारा महात्मा गांधी को गाली दिए जाने के बाद बवाल मच गया है। खुद को कालीपुत्र बताने वाला कालीचरण ने रायपुर धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे तो वहीं हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करते नजर आया। फिलहाल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। उनके बयान को लेकर अलोचना हो रही है। कालीचरण का विवादों से पुराना नाता है। विवादित टिप्पणियों के लिए पहले भी महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई बार शिकायतें हुई हैं।
बचपन से ही शैतान था कालीचरण
कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। उनका असली नाम अभिनीत धनंजय सराग है। वे भावसार समाज के हैं। उनके पिता दवा की दुकान चलाते हैं। अपनी लच्छेदार बातों और देश प्रेम का लाकर भाषण देने में मशहूर कालीचरण एक वक्त अपने इलाके के युवाओं में बहुत फेमस थे। पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं होने के कारण कालीचरण आठवीं क्लास तक ही पढ़ सके। कालीचरण की बदमाशियों से परेशान होकर मां-बाप ने उसे मौसी के घर इंदौर भेज दिया था। यहां उसने हिंदी बोलना सीखी।
भय्यूजी महाराज का मिला साथ
यहीं वो 2005 में भय्यूजी महाराज के संपर्क में आया। जिसके बाद उसका वहां के आश्रम में आना-जाना शुरू हुआ। धीरे-धीरे कालीचरण की भय्यूजी महाराज से नजदीकियां हो गई। जिसके बाद वो भय्यू महाराज के खामगांव स्थित आश्रम की व्यवस्थाओं को संभालने लगा। यही से कालीचरण के फेमस होने का सिलसिला शुरु हो गया। करीब 2015 के बाद इंदौर में उनकी सक्रियता खासी बड़ गई थी। कालीचरण का अकोला में बड़ा आश्रम है। जहां काफी भीड़ इकट्ठा होती रहती है।
शिव तांडव स्त्रोत से मिली प्रसिद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके मराठी भाषी भक्तों की संख्या में खासा इजाफा हुआ। शिव तांडव स्त्रोत से पॉपुलरिटी पाने वाले महाराज का करीब डेढ़ साल पहले एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उनके द्वारा मध्य प्रदेश के भोजपुर शिव मंदिर में शिव तांडव स्रोत को बड़ी ही खूबसूरती से गाया था। इस गाए गए इस शिवतांडव स्रोत के कारण कालीचरण बहुत प्रसिद्ध हुए। यह वीडियो काफी वायरल हुआ इसके बाद महाराज की लोगों के बीच लोकप्रियता आसमान छू गई थी।
सोशल मीडिया पर लाखों फैन
कालीचरण अपने भक्तों के बीच दावा करते हैं कि, बचपन में दुर्घटना के शिकार होने पर उनके पैर पर गंभीर चोट आई थी जिसमें उनका पैर 90 डिग्री तक घूम गया था। उनका मानना है कि उन्हें काली मां ने दर्शन दिया था और उनका पैर ठीक हो गया। कालीचरण महाराज हमेशा खुले बाल रखते हैं और माथे पर लाल रंग की बड़ी बिंदी लगाते हैं। वे आमतौर पर लाल रंग के कपड़े पहनते हैं। सोशल मीडिया में उनके नाम से कई पेज बने हैं और उनके लाखों फॉलोवर हैं।
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राजनीति में फेल हो चुका है कालीचरण
कालीचरण राजनीति में भी अपना हाथ आजमा चुके हैं। 2017 में हुए कालीचरण महाराज अकोला नगर निकाय चुनाव में भी अपनी किस्मत अजमा चुके हैं। जिसमें इस चुनाव में कालीचरण महाराज को हार का सामना करना पडा था। 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला पश्चिम सीट से उनकी उम्मीदवारी को लेकर भी बड़ी चर्चा हुई थी।