जब ओम पुरी को पहली फिल्म में काम करने के बाद मिली थी मूंगफली, जानें और भी बहुत कुछ
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता ओम पुरी अब सिर्फ हमारी यादों में हैं। 6 जनवरी की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। आईए आपको बताते हैं कि उनके जीवन और करियर के बारे में।
नई दिल्ली। बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता ओम पुरी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन 66 वर्ष की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते हुआ। 19 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में जन्मे ओमपुरी सिर्फ भारतीय सिनेमा तक सीमित नहीं रहे बल्कि वो ब्रिटिश और अमेरिकी सिनेमा में भी खास योगदान दिया। ओम पुरी को भारत में सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक पद्मश्री पुरस्कार मिला था। 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी।
बाद
में
ओमपुरी
ने
अपने
निजी
थिएटर
ग्रुप
"मजमा"
की
स्थापना
की।
ओमपुरी
ने
कॉमर्शियल
सिनेमा
के
साथ-साथ
इंडेपेंडेंट
और
आर्ट
फिल्म्स
भी
की
है।
ओमपुरी
ने
बहुत
सारी
भारतीय
फिल्मों
में
काम
करने
के
साथ-साथ
ब्रिटेन
और
अमेरिका
में
फिल्में
बनाई।
1976
में
मराठी
फिल्म
घासीराम
कोतवाल
से
फिल्मी
करियर
की
शुरूआत
करने
वाले
पुरी
ने
इस
फिल्म
के
बारे
में
दावा
किया
था
कि
इसमें
अच्छा
काम
करने
के
बदले
उन्हें
मूंगफली
मिली
थी।
पुरी
ने
अमरिश
पुरी,
नसीरुद्दीन
शाह,
शबाना
आजमी
और
स्मिता
पटेल
सरीखे
कलाकारों
के
साथ
भावनी
भवाई,
सद्गति,
अर्धसत्य,
धारावी
और
मिर्च
मसाला
सरीखी
आर्ट
फिल्में
की।
पुरी
को
1980
में
आई
आक्रोश
जिसमें
उन्होंने
एक
पीड़ित
आदिवासी
का
रोल
किया
था,
1982
में
आई
डिस्को
डांसर,
अर्ध
सत्य
1996
में
आई
माचिस,
1997
में
आई
गुप्त
और
2003
में
धूप
में
उनके
अभिनय
मिसाल
दी
जाती
रही
है।
पुरी
को
अर्धसत्य
के
लिए
नेशनल
फिल्म
अवार्ड
से
सम्मानित
किया
गया
था।
पुरी
ने
ब्रिटिश
फिल्म
माय
सन
द
फनैटिक,
ईस्ट
इज
इस्ट
और
द
पैरोल
ऑफिसर
में
काम
किया
था।
हॉलीवु़ड
की
सिटी
ऑफ
ज्वाय,
पैट्रिक
स्वैज,
वॉल्फ,
द
घोस्ट
एंड
द
डार्कनेस
में
भी
काम
किया
था।
सन्
2007
में
चार्ली
विन्सन
वार
में
जनरल
जिया
उल
हक
का
किरदार
अदा
किया
था।
पुरी
का
करियर
सिर्फ
इतने
तक
ही
सीमित
नहीं
था।
भारतीय
टेलीविजन
सिरियलों
में
भी
पुरी
ने
काम
किया
है।