Naroda Gam Massacre: जानिये क्या हुआ था उस दिन जब मार दिए गए थे 97 लोग?
अहमदाबाद। साल 2002 में गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया गाम मामले में आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद अमित शाह ने गवाही दी। शाह ने यह गवाही अहमदाबाद की स्पेशल अदालत के समक्ष दी। इस गवाही में उन्होंने गुजरात सरकार में मंत्री रहीं और इस दंगे में मुख्य आरोपी माया कोडनानी के बचाव में गवाही दी। बता दें कि 31 अगस्त 2012 को कोडनानी को एक विशेष, अदालत ने 28 साल की सजा सुनाई थी।फिलहाल कोडनानी जमानत पर ा बाहर हैं। कोडनानी को दो धाराओं में सजा सुनाई गई थी। एक धारा के तहत 10 साल की सजा और दूसरी धारा के तहत 18 साल की सजा सुनाई थी।
शाह ने बताया पूरा वाकया
शाह ने अदालत में कहा है कि वो 28 फरवरी 2002 को सुबह 8.30 बजे विधानसभा सत्र था। दंगो में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव किया गया था। इसके बाद सुबह 9: 30 बजे से 9: 45 बजे तक मैं सिविल अस्पताल में था और मैंने वहां माया कोडनानी से मुलाकात की। अस्पताल में नारे बाजी की वजह से मुझे वहां पुलिस ने रुकने नहीं दिया। पुलिस मुझे और कोडनानी को पुलिस की गाड़ी में लेकर गई थी। शाह ने कहा कि अस्पताल पहुंचा तो कोडनानी को नहीं देखा था, लेकिन जब वहां से निकल रहा था तो कोडनानी को देखा था। शाह ने कहा कि जब मैंने अस्पताल से जा रहा था तब लोगों से घिरा हुआ था पुलिस जीप से माया कोडनानी और मुझे हमारी कारों में ले जाया गया; उस समय 11:00 -11: 15 बज रहे थे।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि अहमदाबाद में नरोदा गाम में नरसंहार, साल 2002 में हुए दंगों के 9 मुख्य मामलों में से एक है, जिसकी विशेष जांच दल (SIT) ने जांच की थी। 2002 के दंगों में नरोदा गाम में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े 11 लोग मारे गए थे। इस मामले में कुल 82 लोग मुकदमे का सामना कर रहे हैं। कोडनानी, जो तब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राज्य सरकार में मंत्री थीं, को पहले ही दोषी ठहराया गया था और नरोदा पाटिया में दंगों के मामले में 28 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसमें 97 लोग मारे गए थे।