लाठी लिए किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ी, पत्थरबाजी की तो किया बलप्रयोग: दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली। मंगलवार सुबह दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों पर बल प्रयोग को लेकर दिल्ली पुलिस का बयान आया है। कहा गया है कि किसानों के ही एक समूह ने बैरिकेडिंग तोड़ी, उपद्रव किया और पुलिस पर पत्थरबाजी कि जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। 23 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हरिद्वार से शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा मंगलवार सुबह दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दी है।
दिल्ली पु्लिस के पीआरओ की ओर से कहा गया है कि किसान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध दिल्ली में आने चाहते थे। गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोका गया। ये बताए जाने के बावजूद कि किसान प्रतिनिधियों की बैठर सरकार से चल रही है कुछ किसानों ने टैक्ट्रर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। किसानों ने लाठी और पत्थर भी चलाए, जिससे पुलिस के कुछ जवान घायल भी हुए। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
दिल्ली राजघाट जाने की मांग कर रहे किसानों को मंगलवार सुबग बैरिकेडिंग लगाकर बॉर्डर पर रोक दिया गया। इस दौरान कई घंटे तक किसानों और पुलिस में टकराव की स्थिति बनी रही। पुलिस की ओर से किसानों पर पानी की बौछार की गई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, हवाई फायरिंग की गई और रबड़ की गोलियां भी मारी गईं। दर्जनों किसान पुलिस की कार्रवाई से घायल हुए हैं। कई किसानों ने ने पुलिस की ओर से गोली चलाए जाने और उन्हें छर्रे लगने का भी दावा किया, हालांकि इसे पुलिस ने सिरे से नकार दिया है।
सरकार का दावा है कि किसानों की नौ में से सात मांगे मान ली गई हैं और किसान आंदोलन वापस ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार की बात लेकर किसानों के बीच गए मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ किसानों ने नारेबाजी की और उनके आश्वासनों को 'फर्जी' कहते हुए मानने से इनकार कर दिया। शाम तक किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमें हैं और बिना पक्के आश्वासन के लौटने को तैयार नहीं हैं।
क्रांति पदयात्रा: किसानों की कुछ मांगों पर सरकार सहमत, कुछ पर टकराव जारी