उपचुनाव में हार के बाद भाजपा को एक और झटका, बड़ी सहयोगी पार्टी ने किया समर्थन से इंकार
तिरुवनंतपुरम। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद केरल से भी भारतीय जनता पार्टी को परेशानी में डालने वाली खबर है। केरल में भाजपा की सबसे मजबूत सहयोगी भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) ने एनडीए से किनारा कर लिया है। बुधवार को पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह चेनगन्नूर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का समर्थन नहीं करेगी। बीडीजेएस का प्रदेश में इजवाहा समुदाय में काफी प्रभाव है, ऐसे में अगर बीडीजेएस एनडीए से अलग होती है, तो भाजपा के लिए केरल की राह मुश्किल हो जाएगी।
एनडीए से अलग होने का ऐलान नहीं
बीजेडीएस ने हालांकि अभी एनडीए से अलग होने का ऐलान नहीं किया है। हालांकि पार्टी ने भाजपा पर सहयोगियों को सम्मान ना देने का आरोप लगाया है। बीजेडीएस के अध्यक्ष तुषार वेल्लापेल्ली ने इसको लेकर कहा कि हमने एनडीए से अलग ने की बात नहीं कही है, हमने मांग की है कि भाजपा गठबंधन में उसकी सहयोगी पार्टियों की बात सुने और उनकी जो परेशानियां हैं, उन्हें दूर करे।
उपचुनाव में भाजपा को समर्थन नहीं
तुषार वेल्लापेल्ली ने कहा है कि पार्टी नेताओं मे बैठक के बाद फैसला किया है कि चेनगन्नूर विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी भाजपा को समर्थन नहीं करेगी। तुषार ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने उनके राज्यसभा के लिए लड़ने की गलत खबर उड़ाई, वो इसके लिए भाजपा आलाकमान से शिकायत भी करेंगे। पार्टी नेताओं ने और भी कई मांगे भाजपा के सामने रखी हैं, जिससे दोनों पार्टियों का सात लंबा चल पाएगा, इसको संदेह से देखा जा रहा है।
हाल ही में कई सहयोगी कर चुके एनडीए से किनारा
हाल ही में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से केंद्र में मंत्री दो नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है, माना जा रहा है कि बहुत जल्दी ही पार्टी एनडीए से अलग होने की घोषणा कर सकती है। टीडीपी नेता भी लगातार भाजपा पर जुबानी हमले कर रहे हैं। इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दु्स्तान अवाम मोर्चा ने एनडीए से अलग हो गया था। शिवसेना भी एनडीए से अलग हो चुकी है, हालांकि वो महाराष्ट्र और केंद्र में सरकार में अभी भी शामिल है।