महाराष्ट्र के बाद केरल ने रोकी सीबीआई की एंट्री, जांच से पहले लेनी होगी इजाजत
सीबीआई पर रोक लगाने वाला केरल छठां राज्य, अब से पहले ये राज्य लगा चुके बैन.
नई दिल्ली। केरल सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में जांच करने के लिए दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। सीबीआई को अब केरल में कोई जांच करने के लिए जाने से पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। केरल की सीएम पी विजयन के नेतृत्व वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश कहा है।
केरल के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि रेड क्रिसेंट ने ठेकेदार के चयन में भ्रष्टाचार किया है, इसलिए ये सब हो रहा है। केरल कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा है कि केरल सरकार सीबीआई जांच से डरी हुई है। केरल के कानून मंत्री एके बालन ने इस पर कहा है कांग्रेस शासित राज्यों सहित कई अन्य राज्यों ने भी सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ली है।
कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृ्त्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी। महाराष्ट्र से इससे पहले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ये फैसला कर चुके हैं। ऐसे में केरल अब छठा राज्य है, जिसने सीबीआई को जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति वापस ली है। इन राज्यों में सीबीआई को बिना अनुमति राज्य में एंट्री पर रोक है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने नवंबर, 2018 को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के राज्य में जांच के लिए आने पर रोक लगाई थी, तब चंद्रबाबू नायडू वहां मुख्यमंत्री थे। नवंबर 2018 में ही पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सरकार ने भी सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी।
जनवरी, 2019 में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ली तो इस साल साल जुलाई में राजस्थान की गहलोत सरकार ने ऐसा ही फैसला लिया। बीते महीने अक्टूबर में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने तो अब नवंबर में केरल की सरकार ने ये फैसला लिया है।