केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में NIA ने टेरर फंडिंग की आशंका जताई
नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 30 किलोग्राम गोल्ड स्मगलिंग मामले की एनआईए जांच कर रही है। इस मामले की जांच के दौरान एनआईए को इस बात की लीड मिली है कि संभव है कि यह पूरा मामला टेरर फंडिंग का है। नेशनल इन्वेस्टिगेंशन एजेंसी ने कोच्चि की एनआईए की स्पेशल कोर्ट में कहा है कि उसके पास यह इस बात पर भरोसा करने की वजहे हैं कि यह सोने की तस्करी ज्वेलर्स ग्रुप के लिए नहीं की गई है, जैसा की सामान्य तौर पर होता है। कुछ आतंकी संगठन गोल्ड में डील कर रहे थे क्योंकि उनके लिए कैश में डील करना काफी मुश्किल हो रहा था।
कोर्ट में कुछ विशेष सवालों के जवाब में एनआईए ने इसका जवाब दिया है, जिसमे जांच एजेंसी की ओर से कहा गया है कि यह पूरा मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा हो सकता है। कोर्ट ने एनआईए से यह पूछा कि आखिर कैसे इस मामले में अनलॉफुल एक्टिविटीस प्रीवेंशन एक्ट का केस दर्ज किया गया। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि किस आधार पर यह पूरा मामला यूएपीए के तहत दर्ज किया गया है। इस पूरे मामलेल में एनआईए की ओर से यूएपीए की सेक्शन 16, 17 के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमे आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग की जाती है।
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गौरतलब है कि इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्वप्ना के साथ संदीप नायर को भी गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने दोनों की दो दिन की हिरासत की मांग की है ताकि उनसे आतंकी फंडिंग एंगल की पूछताछ की जा सके। कोर्ट में एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने यूएई काउंसलेट से जुड़े फर्जी दस्तावेज तैयार किए ताक इसे डिप्लोमैटिक बैग के तौर पर भेजा जा सके। आरोपियों ने तीन बार अलग-अलग फर्जी दस्तावेज के जरिए गोल्ड की तस्करी की है। एनआईए ने कोर्ट में एक डायरी भी पेश की है, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 21 जुलाई तक सुबह 11 बजे तक के लिए हिरासत में भेज दिया है।
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