कर्ज में डूबे परिवार की पलटी किस्मत, घर बिकने से दो घंटे पहले चमत्कार, 1 करोड़ की लॉटरी लगी
नई दिल्ली, 26 जुलाई: कहते हैं कि जब देने वाला देने पर आता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। केरल में एक मामूली पेंटर के साथ यही हुआ है। कहां तो नया घर बेचने के लिए खरीदार को बुला लिया था और कहां 1 करोड़ रुपये की लॉटरी लग गई है। उस गरीब शख्स के लिए यह इतनी बड़ी रकम है कि घर तो अब नहीं ही बिक रहा है, उस जैसा और घर भी बना सकता है। ऊपर से बाकी बेटियों की शादी की चिंता भी मिट सकती है। मोहम्मद बावा के साथ जो कुछ हुआ है, वह किसी परियों की कहानी जैसी लगती है।
घर बिकने से दो घंटे पहले निकली 1 करोड़ की लॉटरी
कहते हैं जब किसी की किस्मत पलटनी होती है तो ऐसा अचानक से हो जाता है। केरल में कर्ज में बुरी तरह से घिर चुके एक पेंटर के परिवार के साथ ऐसा ही हुआ है। जब सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं। कहीं से कुछ भी अच्छा होने का संकेत नहीं था। बर्बादी तय हो चुकी थी। सिर से छत भी छिनने वाला था। लेकिन, भाग्य ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि जो सपने में भी नहीं सोचा था, वह साकार हो गया। एक झटके में जिंदगी पटरी पर सरपट भागनी शुरू हो गई। मांजेश्वर में अपना नया घर बेचने के लिए मोहम्मद बावा टोकन मनी लेने वाले ही थे कि ठीक दो घंटे पहले 1 करोड़ रुपये की लॉटरी जीत ली।
नया घर बेचने वाले थे मोहम्मद बावा
केरल के पवूर के रहने वाले 50 साल के बावा की खुशियों को शब्दों में बयां करना संभव नहीं है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक उन्होंने कहा है,'मैंने अभी-अभी अपना घर बचा लिया है। मैं अभी तक इसपर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं।' भारी कर्ज में डूब चुके बावा और उनकी 45 साल की पत्नी अमिना ने 8 महीने पहले ही बने 2,000 वर्ग फीट का अपना घर बेचने के लिए डाला था।
40-45 लाख रुपये में बेचने वाले थे घर
रविवार की बात है। शाम के 5 बजे एक पार्टी घर की डील पक्की करने के लिए टोकन मनी लेकर आने वाली थी। बावा ने कहा, 'मैं अपने घर के लिए 45 लाख रुपये मांग रहा था, क्योंकि हमारे ऊपर 45 लाख रुपये का कर्ज था। लेकिन, ब्रोकर और पार्टी 40 लाख रुपये पर सौदेबाजी कर रहे थे।' लेकिन, उस दिन बावा दंपति ने तय कर लिया था कि चाहे जो भी हो, आज डील फाइनल कर ही लेंगे और किसी किराए के घर में रहने चले जाएंगे। इनकी दो बेटियां अभी बारवीं में पढ़ती हैं।
चार महीनों से हम बहुत ही ज्यादा तनाव में थे
इनका परिवार कर्ज के बोझ से इसलिए दबा था, क्योंकि घर बनाने के लिए अनिमा ने 10 लाख रुपये बैंक से लोन लिया था और उन्होंने 20 लाख रुपये अलग से रिश्तेदारों से भी उधार लिए थे। बावा ने कहा,'उसके तुंरत बाद ही हमनें अपनी दूसरी बेटी की शादी की और हमारा कर्ज बहुत बढ़ गया।' इनकी चार बेटियां और एक बेटा है। दो बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है। 22 साल का बेटा निजामुद्दीन तीन हफ्ते पहले ही कतर में एक शॉप में सेल्समैन की नौकरी करने गया है। उनका कहना है, 'पिछले चार महीनों से हम बहुत ही ज्यादा तनाव में थे। बहुत कम आमदनी की वजह से हम अपना कर्ज नहीं उतार पा रहे थे।'
चार महीनों से खरीद रहे थे लॉटरी
मोहम्मद बावा के परिवार की किस्मत पलटने की घटना कुछ इस तरह से हुई। रविवार दिन के 1 बजे परिवार वाले घर खरीदने के लिए आने वाली पार्टी का इंतजार कर रहे थे। तभी खुद बावा शहर की ओर चले गए। उन्हें क्या सूझी की उन्होंने केरल सरकार की फिफ्टी-फिफ्टी लॉटरी के चार टिकट खरीद लिए। उन्होंने बताया, 'मैं पिछले चार महीनों से लॉटरी खरीद रहा था, इस उम्मीद में कि मेरा भाग्य मेरा दुख दूर कर देगा।' 3 बजे लॉटरी की ड्रॉ निकली और बावा को पता चला कि उनकी किस्मक का जैकपॉट लग गया है।
अब यह आशियाना बिकाऊ नहीं है
लॉटरी की एक करोड़ रुपये की रकम में से टैक्स कटने के बाद उन्हें कुल 63 लाख रुपये मिलेंगे। परिवार यह सोचकर गदगद हो ही रहा था कि खुशियों में कब पांच बच गए पता ही नहीं चला। तभी ब्रोकर घर खरीदने वाली पार्टी को लेकर पहुंच गया। लेकिन, तबतक बहुत देर हो चुकी थी। मोहम्मद बावा का आशियाना अब बिकाऊ नहीं रह गया था।