एफटीआईआई के आंदोलनकारी छात्रों को पुचकारते केजरीवाल
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) जो पढ़ना नहीं चाहते उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पढ़ाने का वादा किया है। केजरीवाल ने फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के स्टूडैंटस से कहा है कि वो दिल्ली में अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
वे उन्हें जगह देने को तैयार हैं। अब केजरीवाल को कौन समझाए कि वो पढ़ना ही नहीं चाहते हैं। पढ़ना होता तो वे क्लास अटैंड करते। प्रोजेक्ट पूरे करते। सड़कों पर नहीं आते।
राहुल मंच पर
डायरेक्टर को बंधक बनाने की कोशिश नहीं करते। वैसे भी उनकी मांग और आंदोलन की गंभीरता उस दिन खत्म हो गयी, जिस दिन उन्होंने राहुल गांधी का अपने मंच पर स्वागत किया।
केजरीवाल के समारोह में पहुंची महिलाओं के उतरवाए गए दुपट्टे
या तो एफटीआईआई के स्टूडैंट मूर्ख हैं या राजनीतिक नेताओं के हाथों की कठपुतली। वैसे भी यहां का इतिहास बताता है कि चाहे सरकार किसी की भी रही हो, हड़तालें जमकर होती रही हैं।
चौवन साल में सैंतीस बार हड़ताल बताती है कि एफटीआईआई में पढ़ाई कम और राजनीति ज्यादा होती है। पहले राहुल गांधी ने वहां पहुंचकर राजनीतिक दांव खेला और अब केजरीवाल वही काम कर रहे हैं।