कश्मीरी पंडितों को अधर में नहीं छोड़ेंगे, महाराष्ट्र से जो बन पड़ेगा वो करेंगे: उद्धव ठाकरे
नई दिल्ली, 04 जून। कश्मीर घाटी के शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसी स्थित में हम उन्हें छोड़ेंगे। महाराष्ट्र हर संभव कश्मीरी पंडितों की सहायता करेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि लक्षित हत्याओं के कारण कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ रहे हैं। उन्हें घर वापसी का सपना दिखाया गया था, लेकिन अब उनकी हत्याएं हो रही हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 'वर्ष 1995 में, बाल ठाकरे और तत्कालीन राज्य सरकार ने कश्मीरी पंडितों को शिक्षा में आरक्षण दिया। हम कश्मीरी पंडितों के नेताओं के संपर्क में हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा।' उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा और उनके लिए जो भी करना होगा वह करेगा। हम हर संभव सहायता उपलब्ध कराएंगे। "लक्षित हत्याओं के कारण कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ रहे हैं।
सीएम उद्धव ठाकरे का बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं के मामले बढ़े हैं। 1 मई से घाटी में आतंकवादियों की ओर से किए गए लक्षित हमलों में कम से आठ नागरिक मारे गए थे। इसमे एक शिक्षिका हत्या के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन हुआ। घाटी में ड्यूटी कर रहे गैर जनपदों के शिक्षकों ने अपने गृह जनपद में स्थानांतरण की मांग उठाई। जिसके बदा 177 शिक्षकों के ट्रांसफर आर्डर जारी हुए। इस पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को घर वापसी का सपना दिखाया गया था, लेकिन अब उन्हें मारा जा रहा है।