चलने-बोलने में असमर्थ था लकवाग्रस्त बुजुर्ग, सात दिन तक पत्नी की लाश के पास बैठा रहा
बेंगलुरू। कर्नाटक के करवर कस्बे में एक बुजुर्ग सात दिन तक अपनी पत्नी की लाश के पास बैठा रहा क्योंकि बुजुर्ग लकवाग्रस्त होने की वजह से बोलने और चलने-फिरने में असमर्थ है। घर में पति-पत्नी ही रहते थे। चलने में असमर्थ होने की वजह से पत्नी की मौत की बात वो किसी को ना बता सके। रविवार को मृतका का भाई उनकी खैरियत लेने घर पर आया तो पाया कि उसकी बहन की लाश जमीन पर पड़ी है और उसके जीजा पास में ही बैठे हैं।
पुलिस ने बताया है कि करवर की केएचबी कॉलोनी में 55 साल की गिरिजा की लाश देखकर लगता है कि उनकी मौत छह से सात दिन पहले हो चुकी है। वहीं पत्नी की मौत के बाद एक हफ्ते से बिना खाए-पीए घर में पड़े रहने से मृतका के पति आनंद की भी हालत काफी गंभीर हो गई। उन्हें करवर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों ने बताया कि एक हफ्ते से उनके खाना और पानी नहीं मिला है। आनंद की हालत गंभीर बनी हुई है।
पुलिस ने बताया है कि आनंद और गिरिजा की कोई औलाद नहीं है, दोनों एक छोटे से घर में रहते थे। उनके पड़ोस के लोग उनकी मदद कर दिया करते थे, जिससे उनके भोजन-पानी का इंतजाम हो जाता था। गिरिजा अपने भाई सुब्रमण्यम को अक्सर फोन करती रहती थी लेकिन जब एक हफ्ते तक बहन का फोन नहीं आया तो उसने खुद से फोन किया। जब गिरिजा ने फोन नहीं उठाया तो वो किसी अनहोनी के डर से उनके घर पहुंचा।
सुब्रमण्यम जब बहन के घर पहुंता तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद वो दीवार फांद कर अंदर पहुंचा। अंदर अपनी बहन का शव और जीजा को निढाल पड़ा देख उसके होश उड़ गए। इसके बाद उसने पड़ोसियों और पुलिस को मामले की जानकारी दी। गिरिजा की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया है।