कर्नाटक बीजेपी का बड़ा आरोप, सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने हटाए मतदाना सूची से लोगों के नाम
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक ईकाई ने गुरुवार को चुनाव आयोग से शिकायत की है कि राज्य में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से वोटरों के नाम गायब करा दिए गए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य में कुछ अधिकारी जद (एस) और कांग्रेस की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कर्नाटक बीजेपी ने कहा है कि अधिकारियों ने बिना कारण जानबूझकर कुछ लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया ताकि सत्ताधारी पार्टी को उसका लाभ पहुंचाया जा सके।
शिकायत में बीजेपी ईकाई ने दावा किया है कि एक ही पते रहने के बावजूद लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। बीजेपी ने इस संबंध में चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी ने कहा कि यह संबंधित अधिकारियों द्वारा कर्तव्य का पालन नहीं किया गया है। यदि इस तरह के पक्षपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती है तो चुनाव आयोग से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की उम्मीद नहीं कर सकते।
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पत्र में आगे कहा गया है कि विधान सभा चुनावों के दौरान भी चुनाव आयोग को इस तरह की सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। चुनाव आयोग ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। जिसकी वजह से ऐसे अधिकारियों को और बढ़ावा दियाय है। अधिकारी सत्तारूढ़ पार्टी के फायदे के लिए मतदाता सूची ने बहुत सारे लोगों के नाम को हटा दिया है। अधिकारी पार्टी के एक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
बीजेपी ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया तो वो अदालत में इस मुद्दे लेकर जाएगी। बीजेपी ने कहा कि हम निश्चित रूप से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और जिन अधिकारियों ने ये गलत काम किया है उनके खिलाफ एक्शन की मांग करेंगे। मतदाता सूची से वोटरों के नाम को सामूहिक रूप से हटा देना चौकाने वाला है।
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