देवरिया: कांवड़ लेकर 15 मुसलमान निकले बाबा धाम, पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
गोरखपुर: सावन महीने की शुरूआत के साथ ही कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो गई है। 'हर-हर महादेव' और 'बोल-बम' के उद्घोष के साथ कांवड़िए झूमते-गाते भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए निकल पड़े हैं। वहीं, कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की तस्वीर सामने आई है और यहां के मुसलमान भी कांवड़ यात्रा पर जाते दिखाई दिए हैं। 15 मुसलमानों ने कांवड़ लेकर बाबा धाम तक की यात्रा शुरू की है।
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देवरिया के 15 मुसलमानों ने कांवड़ यात्रा की शुरूआत कर सामाजिक सौहार्द का जो परिचय दिया है, उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। देवरिया के रामपुर कारखाना स्थित कुशाहरी गांव के 70 कांवड़ियों में 15 मुस्लिम भी शामिल हैं, जिन्होंने बाबा धाम की यात्रा शुरू की है। ग्राम प्रधान निजाम अंसारी की पहल के बाद इन 15 मुसलमानों ने भगवा वस्त्र पहनकर कांवड़ लेकर अपनी यात्रा शुरू की।
इस दौरान निजाम अंसारी ने बताया कि वो चाहते हैं कि आपस में सभी मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हों और एक-दूसरे को समझते हुए करीब आएं, ताकि समाज की बेहतरी के लिए काम कर सकें। वहीं, कई समाज सेवियों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इन लोगों ने भाईचारे और प्यार की एक मिसाल कायम की है। डॉ. संजीव शुक्ला ने कहा कि समाज को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और नफरत भुलाकर प्रेम से एक साथ रहना चाहिए।
सावन के महीने में कांवड़िए सबसे पहले सुल्तानगंज पहुंचते हैं जहां गंगा से जल लेकर तकरीबन 105 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद झारखंड के जसीडीह स्थित बाबा धाम मंदिर पहुंचकर जल चढ़ाते हैं। कांवड़िये ये यात्रा पैदल ही तय करते हैं। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सभी इस कांवड़ यात्रा को लेकर उत्साहित रहते हैं, जबकि बड़ी संख्या में महिलाएं भी कांवड़ यात्रा में दिखाई देती हैं।
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