शक्ति के दुरुपयोग को लेकर चीफ जस्टिस पर आरोप चिंताजनक: प्रशांत भूषण
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े करने को सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने दुखद और चिंताजनक बताया है। भूषण ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीफ जस्टिस पर जिस तरह के सवाल खड़े हुए हैं, वो गंभीर हैं। चीफ जस्टिस पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप बड़े सवाल खड़े करता है, इस तरह से पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल अप्रत्याशित मामला है और देश के लिए गंभीर विषय है।
इतिहास में पहली बार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारत के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने मीडिया से बात की है। चीफ जस्टिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कई सवाल न्यायपालिका और चीफ जस्टिस के बर्ताव पर खड़े किए हैं। इस प्रेस वार्ता में न्यायाधीश चेलमेश्वर, न्यायाधीश जोसेफ कुरियन, न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश एम बी लोकुर मौजूद थे। इस दौरान न्यायाधीशों ने कई बातें रखीं। प्रेस वार्ता से 4 वरिष्ठ नयायाधीशों का CJI के साथ मतभेद सामने आया है।
चीफ जस्टिस ने नहीं सुनी बात
न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं सुनी, हम नहीं चाहते हैं कि 20 साल बाद हम पर कोई आरोप लगे। न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि जजों के बारे में CJI को शिकायत की थी लेकिन चीफ जस्टिस ने हमारी बात नहीं सुनी। न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि हम देश का कर्ज अदा कर रहे हैं। मजबूर हो कर मीडिया के सामने आना पड़ा, अब चीफ जस्टिस पर देश फैसला करे।
'लोकतंत्र खतरे में है'
जस्टिस जे चेलामेश्वर ने कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की। उन्होंने बताया कि चार महीने पहले हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था। जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे। चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं। जजों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हम पर कोई आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, पढ़िए बड़ी बातें