राजस्थान हाइकोर्ट के जज बोले, मोर आजीवन रहता है ब्रह्मचारी इसीलिए राष्ट्रीय पक्षी
शर्मा ने कहा कि मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए बनाया गया क्योंकि वह जिंदगी भर ब्रह्मचारी रहता है। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है।
नई दिल्ली। एक सुनवाई के दौरान गाय को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने का सुझाव देने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने गाय और मोर को लेकर बताया है कि मोर राष्ट्रीय पक्षी क्यों है और गाय को क्यों राष्ट्रीय पशु क्यों बनाना चाहिए।
क्यों बनना चाहिए गाय को राष्ट्रीय पशु
राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि नेपाल की तर्ज पर भारत में भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। जज ने बताया कि उन्होंने अपने फैसले में तमाम वेदों और धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए यह विस्तार से बताया है कि गाय इंसान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। उसका दूध, मूत्र, गोबर, हड्डी सभी कुछ काम आता है।
मोर आजीवन रहता है ब्रह्मचारी
शर्मा ने कहा कि मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए बनाया गया क्योंकि वह जिंदगी भर ब्रह्मचारी रहता है। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है। मोर कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता। मोर पंख को भगवान कृष्ण ने इसलिए लगाया क्योंकि वह ब्रह्मचारी है। साधु संत भी इसलिए मोर पंख का इस्तेमाल करते हैं।
जज की बात पर विशेषज्ञ हतप्रभ
जज की मोर के आजीवन सेक्स ना करने की बात पर विशेषज्ञों ने हैरानी जताई है कि आखिर कैसे एक जज इस तरह की बात कर सकता है। उन्होंने कहा कि मोर के सेक्स करने के बारे में नेट पर आसानी से पढ़ा जा सकता है और सैकड़ों वीडियो भी मौजूद हैं।
अपने फैसले को लेकर चर्चा में
बुधवार को अपनी सेवा के आखिरी दिन 7 साल पुराने हिंगोनिया गौशाला का मामले में महेश शर्मा ने कहा कि सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराए। इतना ही नहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने गोकसी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए उनकी सजा को और अधिक कड़ा बनाने की बात भी कही है। सुनिए उन्होंने क्या कहा..