जेपी इंफ्रा अपने कर्मचारियों से उनकी सैलरी उधार मांग रही है
नोएडा। जेपी कंपनी लगातार अपने उपर बढ़ रहे वित्तीय बोझ से उबरने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब इस मुश्किल से बाहर निकलने के लिए कंपनी ने नया तरीका खोज निकाला है। कंपनी ने तमाम कर्मचारियों से एक फॉर्म के जरिए इस बात की अनुमति मांगी है कि वह उन्हें अपनी सैलरी का एक हिस्सा कंपनी को बतौर लोन कर्ज दे दें। यह नोट कंपनी के वरिष्ठ मैनेजमेंट के अधिकारी ने जारी की है। इस नोट में कहा गया है कि कंपनी आपके पेसों का भुगतान अगले नौ महीनों में आपको वापस किश्तों में लौटा देगी। पैसे 2018 में जनवरी माह से लौटाए जाएंगे। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा है कि इस तरह का फॉर्म छोटे और मध्यम वर्ग के कर्मचारी को नहीं दिया गया है।
कंपनी इस कदम के जरिए अपने कर्मचारियों से पैसा इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि जेपी इंफ्राटेक वित्तीय संकट से गुजर रही है, कंपनी की मुख्य संस्ता जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वह अपनी रजिस्ट्री में 2000 करोड़ रुपए की राशि जमा कराए। कोर्ट ने यह निर्देश जेपी ग्रुप से घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है, जिसमे उपभोक्ताओं को अभी तक उनके फ्लैट नहीं दिए गए हैं।
जेपी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यह कंपनी का अंदरूनी मामला है और यह सिर्फ अधिकारियों से जुड़ा मामला है। छोटे और मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को अक्टूबर माह की सैलरी पहले ही दी जा चुकी है। कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारियों से अक्टूबर माह की सैलरी कंपनी को बतौर लोन कर्ज देने के लिए कहा गया है, जिसे अगले वर्ष से 9 महीनों में किश्तों में वापस कर दिया जाएगा।
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