चुनाव प्रचार में महज पांच लाख खर्च कर विधायक बने जिग्नेश मेवाणी
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR)की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक बीजेपी के विधायकों ने औसतन मान्य सीमा की 56 फीसदी और कांग्रेस के विधायकों ने औसतन मान्य सीमा की 80 फीसदी तक रकम चुनाव प्रचार पर खर्च किया है
नई दिल्ली। आजकल राजनेता चुनावों में पानी की तरह पैसा बहाते हैं। इसी बीच खबर है कि गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी सूबे में सबसे कम खर्च में विधायक बनने वाले नेता बन गए हैं। जिग्नेश ने अपने चुनाव प्रचार में केवल 5.02 लाख रुपये खर्च किए हैं। गुजरात के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग की भेजे गए खर्च विवरण में यह खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि जिग्नेश मेवानी बनासकांठा के वडगाम से निर्दलीय विधायक बने हैं। चुनाव में कांग्रेस ने उनको समर्थन दिया था।
जिग्नेश ने चुनाव पर खर्च किए 5 लाख
चुनाव आयोग को मिले डिटेल के मुताबिक जिग्नेश राज्य में सबसे कम खर्च करने वाले प्रत्याशियों में शामिल हैं। उन्होंने चुनाव खर्च के लिए मान्य सीमा 28 लाख रुपए का महज 19 फीसदी खर्च किया है। हालांकि लुनावाड़ा से स्वतंत्र उम्मीदवार रतनसिंह राठौड़ ने सिर्फ 3 लाख रुपए और बेछारजी से कांग्रेस विधायक भरतजी ठाकोर ने महज 3.81 लाख रुपये खर्च किए थे।
कांग्रेस के विधायकों ने औसतन मान्य सीमा की 80 फीसदी तक रकम चुनाव प्रचार पर खर्च किया
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR)की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक बीजेपी के विधायकों ने औसतन मान्य सीमा की 56 फीसदी और कांग्रेस के विधायकों ने औसतन मान्य सीमा की 80 फीसदी तक रकम चुनाव प्रचार पर खर्च किया है। सिर्फ दो विधायकों ने मान्य सीमा से ज्यादा खर्च किया है। दोनों बीजेपी से विधायक हैं।
गुजरात के मंत्रियों में सबसे ज्यादा खर्च भूपेंद्र सिंह चुडास्मा ने किया
साबरकांठा के हिम्मतनगर सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र सिंह चावड़ा और संतरामपुर से बीजेपी के ही प्रत्याशी कुबेरभाई दिनदोर ने मान्य सीमा से क्रमश: 5 लाख और 95,000 रुपये ज्यादा खर्च किए है। राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों में से चुनाव प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च ढोल्का से विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह चुडास्मा ने किया। चुडास्मा ने अपने चुनाव प्रचार पर 23 लाख रुपये खर्च किए थे।
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