झारखंड विधानसभा चुनाव: रघुबर सरकार का दावा, शिक्षा के क्षेत्र में हुआ आमूल-चूल परिवर्तन
नई दिल्ली- झारखंड में रघुबर दास की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार का दावा है कि पिछले पांच वर्षों में उसने शिक्षा के क्षेत्र में कायापलट कर दिया है। राज्य सरकार के मुताबिक अपने बचपन में मुख्यमंत्री रघुबर दास भी बोरा लेकर स्कूल जाते थे। लेकिन, आज राज्य के सभी स्कूलों में लकड़ी के फर्नीचर उपलब्ध हैं। यही नहीं राज्य में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक शिक्षा के लिए भी सरकार की ओर से सारे दरवाजे खोल दिए गए हैं।
स्कूली
और
उच्च
शिक्षा
रघुबर
सरकार
के
मुताबिक
2014
तक
प्रदेश
के
मात्र
3,269
स्कूलों
में
बेंच
और
डेस्क
थे,
जबकि
अब
राज्य
के
सभी
31,438
स्कूलों
में
ये
उपलब्ध
करा
दिए
गए
हैं।
बच्चे
पहले
स्कूलों
में
जमीन
पर
बोरियां
बिछाकर
पढ़ने
को
मजबूर
थे।
बड़ी
बात
ये
है
कि
राज्य
सरकार
ने
इतने
बड़े
पैमाने
पर
बेंच-डेस्क
बनाने
का
काम
भी
स्थानीय
कारपेंटरों
को
ही
दिया
और
यह
टेंडर
के
माध्यम
से
नहीं
मंगवाए
गए।
2014
में
जब
बीजेपी
सरकार
आई
थी,
तब
यहां
के
सिर्फ
4,501
विद्यालयों
में
बिजली
के
कनेक्शन
थे,
जो
आज
बढ़कर
27,885
विद्यालयों
में
लग
चुके
हैं।
पहले प्रदेश में ड्रॉप आउट का आंकड़ा 5.31 फीसदी तक रहता था, आज यह जीरो है। 2014 में सिर्फ 30 पॉलिटेक्निक थे और उनमें 8,220 सीटें ही थीं, जबकि आज राज्य में 43 पॉलिटेक्निक हैं और सीटों की सख्या बढ़कर 11,575 हो चुकी है। 2014 में जहां राज्य में सिर्फ 3 विश्वविद्यालय थे, वहीं अब 5 नए सरकारी विश्वविद्यालय (रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय-रांची, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय-धनबाद, डॉ एसपी मुखर्जी विश्वविद्यालय-रांची, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय और बाबा वैधनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय- देवघर) खोले जा चुके हैं। इनके अलावा 11 निजी विश्वविद्यालयों को भी स्वीकृति दी गई है। इसमें एमिटी और सरला बिरला जैसे संस्थानों में सत्र शुरू भी हो गए हैं।
पहली बार राज्य के स्कूली बच्चों को मुफ्त में पूरे देश की यात्रा करवायी जा रही है। इस शैक्षणिक यात्रा से पिछले दो वर्षों में 6 हजार से ज्यादा बच्चे लाभांवित हुए हैं। उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए 12 जिलों में 12 महिला महाविद्यालय,13 जिलों में मॉडल महाविद्यालय और 27 अन्य डिग्री महाविद्यालयों समेत कुल 52 नए महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। इसके अलावा पिछले 5 साल में राज्य में 25 नए एकलव्य विद्यालयों का शिलान्यास किया गया है। विज्ञान एवं अन्तरिक्ष में रूचि बढ़ाने के लिए राज्य में पहला वराहमिहीर तारामंडल का उद्घाटन किया गया।
साल 2014 तक राज्य में केवल 32 आईटीआई थे, जबकि पांच साल में ही 27 नए आईटीआई बने हैं। तकनीकी शिक्षा के प्रसार के लिए कोडरमा और पलामू में अभियंत्रण महाविद्यालय और गोला में महिला अभियंत्रण महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है। झारखंड मे बेटियों के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और पहाड़िया बच्चों के लिए पहाड़िया दिवा कालीन विद्यालय भी हैं। राज्य के 975 विद्यालयों में आईटीआई की तरह और कंप्यूटर आधारित शिक्षा दी जा रही है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बच्चियों को 7,521 टैब मुफ्त में दिए गए हैं। विद्यावाहिनी ऐप के लिए 41,000 टैब उपलब्ध कराए गए हैं।