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कृषि कानूनों पर मोदी सरकार का साथ देने वाला JDU,क्या इस वजह से अब BJP को दे रहा है नसीहत ?

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Farmers protest update:एनडीए सरकार के सहयोगी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड(JDU) ने संसद के दोनों सदनों में तीनों कृषि कानूनों (farm laws)को पास करवाने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मदद की थी। लेकिन, हवा के बदले रुख को देखकर लगता है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी ने भी मोदी सरकार को नसीहत देनी शुरू कर दी है। पार्टी ने बीजेपी सरकार से कहा है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों (agitating farmers) के साथ सुलह वाला रास्ता अपनाए और टकराव वाली स्थिति से उसे बचना चाहिए। जेडीयू ने यह भी कहा है कि किसानों ने बीजेपी और एनडीए (NDA) को वोट दिया है, इसलिए उनके साथ दोस्ताना रवाया अपनाया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर जेडीयू ने अपने तेवर बदले हैं और इसके पीछे उसके पास ठोस वजह भी है। गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसानों ने शुरू में कई तरह की मांगों के साथ आंदोलन शुरू किया था और सरकार ने उनमें से कई मान भी ली थी लेकिन, अब वह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं और यहीं पर सरकार के साथ उसकी टकराहट की स्थिति बनी हुई है।

टकराव नहीं,सुलह का रुख अपनाए सरकार-जेडीयू

टकराव नहीं,सुलह का रुख अपनाए सरकार-जेडीयू

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू(JDU)की राष्ट्रीय परिषद की पिछले हफ्ते बैठक हुई थी, जिसमें किसान आंदोलन (Farmers protest) को लेकर काफी मंथन किया गया। इसके बारे में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने अंग्रेजी अखबार ईटी से कहा है, 'जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में कृषि विधेयकों का समर्थन किया था। हालांकि, बिल पास होने के बाद से ही किसानों की ओर से कुछ चिंताएं जताई जा रही हैं और सरकार ने भी उनसे बात की है और कृषि कानूनों को रोकने तक का ऑफर दिया है। बावजूद इसके किसान अभी भी आंदोलन कर रहे हैं। इसलिए, जेडीयू का विचार है कि सरकार को टकराव का रास्ता ना अपनाकर, किसानों को आगे भी बातचीत में शामिल करके सहमति और सुलह का नजरिया अपनाना चाहिए। '

किसानों ने हमें वोट दिया है, वह हमारे दुश्मन नहीं- जेडीयू

किसानों ने हमें वोट दिया है, वह हमारे दुश्मन नहीं- जेडीयू

जेडीयू की ओर से ये बातें ऐसे वक्त में सामने आई हैं, जब विपक्ष इस मुद्दे पर खुलकर किसान आंदोलन को समर्थन दे रहा है और सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरने में लगा हुआ है। दूसरी तरफ 26 जनवरी की वारदात से सावधान पुलिस प्रदर्शन वाली जगहों पर भारी सुरक्षा इंतजामों में जुटी हुई है। पुलिस की ओर से उठाए जा रहे एहतियाती कदमों और 26 जनवरी के गुनहगारों की नकेल कसने के लिए हो रही कार्रवाई पर विपक्ष बिफर रहा है तो जेडीयू नेता त्यागी ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए सरकार को नसीहत दे दी है कि, 'किसानों ने, खासकर उत्तर भारत में बीजेपी और एनडीए को वोट दिया है। वह हमारे मित्र हैं और उनके साथ उसी तरह से बर्ताव होने चाहिए ना कि दुश्मनों की तरह।'

हवा का रुख देख रहा है जेडीयू?

हवा का रुख देख रहा है जेडीयू?

केंद्र में सत्ताधारी एनडीए (NDA) में अब जेडीयू (JDU) ही एक अहम सहयोगी रह गया है, जिसने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के अंदर शिवसेना (Shiv Sena), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) को एनडीए से बाहर होते देखा है। हालांकि, जेडीयू कोटे से फिलहाल केंद्र में कोई मंत्री नहीं है, लेकिन पार्टी को एनडीए में अपनी अहमियत का अंदाजा हो चुका है। इसलिए, जेडीयू के नेता भाजपा को आईना दिखाने के लिए कृषि-किसानों से अपने नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का नजदीकी रिश्ता भी बताने लगे हैं। त्यागी का कहना है कि नीतीश किसानों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं और वो 'किसान समुदाय और ग्रामीण भारत के मुद्दों से पूरी तरह वाकिफ हैं।' उनके मुताबिक इसकी वजह ये है कि वो वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री रहे हैं और वीपी सिंह सरकार में तब कृषि राज्यमंत्री बने, जब किसान नेता देवीलाल ने मंत्री पद छोड़ दिया था।

भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश में जेडीयू?

भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश में जेडीयू?

जेडीयू की ओर से ये बातें ऐसे समय में कही जा रही हैं, जब हरियाणा (Haryana)में बीजेपी की सहयोगी दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की जननायक जनता पार्टी (JJP) भी मनोहर खट्टर (Manohar Khattar)सरकार को समर्थन देने के चलते प्रदर्शनकारी किसानों के निशाने पर है। बिहार में अभी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार है। लेकिन, जिस तरह नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में जेडीयू की सीटें घटी हैं और बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, इन दोनों दलों के बीच एक स्वाभाविक असहजता महसूस हो रही है, जो लोजपा (LJP) को लेकर संसद सत्र से पहले दिल्ली(Delhi) में हुई एनडीए की बैठक में देखी जा चुकी है। इसलिए लगता है कि अब नीतीश की पार्टी को भी भाजपा पर दबाव कसने के लिए किसान आंदोलन में ही उम्मीद दिखने लगी है।

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English summary
JDU, which supports the Modi government on farm laws, is now giving advice to BJP because of this?
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