मिलिए कश्मीर के एक और वानी से, जिस पर आपको फक्र होगा
श्रीनगर।
बॉर्डर
सिक्युरिटी
फोर्स
(BSF)
के
असिस्टेंड
कमांडेंट
(वर्क्स)
परीक्षा
में
जम्मू-कश्मीर
के
उधमपुर
जिले
के
रहने
वाले
नबील
अहमद
वानी
ने
टॉप
किया
है।
ऑल
इंडिया
फर्स्ट
रैंक
पाने
वाले
नबील
ने
साल
2013
में
इसी
परीक्षा
में
आठ
नंबरों
से
फेल
हो
गए
थे।
एक
वेबसाइट
को
दिए
इंटरव्यू
में
नबील
ने
अपनी
सफलता
सांझा
की।
फोर्स ज्वाइन करने के पीछे के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा कि 'मेरे राज्य में आतंकवााद की सबसे खतरनाक समस्या है और उसका हल सिर्फ डिफेंस फोर्स ही है। इसलिए मैंने फोर्स में आने का निर्णय लिया।' अपने इंटरव्यू में नबील ने कुछ ऐसी बातें कहीं जिसे जानकर हर देशवासी को गर्व होगा।
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हाथ में पत्थर उठाने से नहीं कलम उठाने से मिलेगी नौकरी
नबील ने कहा कि आजकल हर तरफ बुरहान बानी की चर्चा हो रही है। वो भी वानी था और मैं भी वानी हूं। मुझमें और उसमें फर्क देखा जा सकता है। नबील ने कहा कि हाथ में पत्थर उठाने से नहीं बल्कि कलम उठाने से नौकरी मिलती है। उन्होंने कहा कि मुश्किलें मेरी जिंदगी में भी थी लेकिन मैंने तो बंदूक नहीं उठाई।
आजतक कश्मीर नहीं गए नबील वानी
नबील बानी ने कहा कि मेरे घरवालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि कहीं घूमने का प्लान बना सकूं। उन्होंने बताया कि वो आजतक कश्मीर नहीं गए हैं। नबील के पिता स्कूल में टीचर थे। दो साल पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए नबील के पिता अपना घर छोड़ उधमपुर रहने आ गए थे।
स्कॉलरशिप पर की पढ़ाई
नबील की शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई। उसके बाद वो पंजाब से इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग के लिए उन्हें स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने यहां भी टॉप किया। इंजीनियरिंग के बाद वो डिफेंस फोर्सेस की तैयारी करने लगे। इसी बीच पिता का देहांत हो गया और मां-बहन की जिम्मेदारी भी उनपर ही आ गई।
पूरा किया पापा का सपना
नबील वानी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि उन्होंने अपने पापा के सपने को अपना सपना बना लिया था।