J&K पुलिस के शहीद हेड कॉन्स्टेबल अब्दुल राशिद को कीर्ति चक्र, पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को किया था ढेर
श्रीनगर।
स्वतंत्रता
दिवस
की
पूर्व
संध्या
पर
सरकार
की
तरफ
से
उन
बहादुरों
को
सम्मानित
किया
गया
है
जिन्होंने
देश
सेवा
में
अपने
प्राण
त्याग
दिए।
इन्हीं
बहादुरों
में
एक
हैं
अब्दुल
राशिद
कलास
जिन्हें
कीर्ति
चक्र
देने
का
ऐलान
किया
गया
है।
उन्हें
मरणोपरांत
इस
सम्मान
से
नवाज
गया
है।
अब्दुल
राशिद,
जम्मू
कश्मीर
पुलिस
में
हेड
कॉन्स्टेबल
थे
और
18
फरवरी
2019
को
शहीद
हो
गए
थे।
लेकिन
शहादत
से
पहले
उन्होंने
जो
जज्बा
दिखाया
वह
आज
भी
दूसरों
के
लिए
नजीर
बन
गया
है।
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पिंगलान में हुआ था एनकाउंटर
हेड कॉन्स्टेबल अब्दुल राशिद कलास ने पुलवामा के पिंगलान इलाके में हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को ढेर किया था। यह मुठभेड़ 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले के बाद हुई थी और इस एनकाउंटर में पुलवामा हमले का मास्टरमांइड कामरान भी ढेर हुआ था। कामरान पाकिस्तान का रहने वाला था और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता था। इस बार एक ही कीर्ति चक्र विजेता का ऐलान किया गया है और हेड कॉन्स्टेबल कलास का नाम लिस्ट में शामिल है। सरकार की तरफ से कहा गया, 'अब्दुल कलास के असाधारण साहस के लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा रहा है।' इसी एनकाउंटर में घायल जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआईजी अमित कुमार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
क्या है कीर्ति चक्र
कीर्ति चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरांत भी दिया जा सकता है। वरियता मे यह महावीर चक्र के बाद आता है। इस सम्मान की स्थापना 4 जनवरी 1952 को हुई थी। 198 बहादुरों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। पुरस्कार सेना, वायुसेना और नौसेना के ऑफिसर्स और जवानें के अलावा, टेरिटोरियल आर्मी और आम नागरिकों को भी दिया जाता है। उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को लीड करने वाले मेजर रोहित सूरी भी कीर्ति चक्र पुरस्कृत सैनिक हैं।
आतंकियों पर कहर बनकर टूटे ले. कर्नल रावत
लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत (स्पेशल फोर्स-पैराशूट रेजीमेंट), मेजर अनिल उर्स (मराठा लाइट इंफेंट्री) और हवलदार अलोक कुमार दुबे को शौर्य चक्र से नवाजा गया है। आलोक कुमार दुबे और मेजर अनिल को कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने और कृष्ण सिंह रावत को एलओसी पर आंतकियों को मार गिराने के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया है। ले. कर्नल रावत और उनकी टीम ने 36 घंटे तक आतंकियों का इंतजार किया और फिर वह घुसपैठियों पर टूट पड़े। इस एनकाउंटर में चार आतंकी ढेर हुए थे। अवॉर्ड साइटेशन में नेतृत्व और अदम्य साहस को सलाम किया गया है। मेजर उर्स ने भी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर पांच आतंकियों को ढेर किया था। हवलदार दुबे ने बहुत करीब से A++ कैटेगरी के खतरनाक आतंकी को ढेर किया था।
इस बार नौ शौर्य चक्र विजेता
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से 84 सैनिकों को शीर्ष वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करने का फैसला किया गया। स्पेशल फोर्स के ऑफिसर और इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के पायलट विंग कमांडर विशाक नायर के साथ नौ सैनिकों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। शौर्य चक्र शांति काल में दिया जाने वाला देश का तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार है। शौर्य चक्र विजेता हैं लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत, मेजर अनिल उर्स, हवलदार आलोक कुमार दुबे, विंग कमांडर विशाक नायर, जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआईजी अमित कुमार, सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्ट महावीर प्रसाद गोदरा (मरणोपरांत), सीआईएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल एरना नायक (मरणोपरांत), सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार पासवान (मरणोपरांत) और सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल सतीश प्रसाद कुशवाहा (मरणोपरांत)।