पुलवामा: कश्मीर में हिजबुल का सबसे बूढ़ा आतंकी रियाज नाइकू, मैथ टीचर से बना टेररिस्ट
पुलवामा। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बुधवार को सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने अवंतिपोरा में हिजबुला मुजाहिद्दीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू को मार दिया है। नाइकू को रात में ही सुरक्षाबलों ने घेर लिया था। नाइकू हर बार सेना को चकमा देकर फरार हो जाता था। मगर इस बार वह भागने में कामयाब नहीं हो सका। वह साल 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद से ही लगातार घाटी में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा था।
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नाइकू पर था 12 लाख का इनाम
नाइकू हिजबुल का सबसे बूढ़ा आतंकी था जिसकी उम्र 35 साल थी। हिजबुल के इस आतंकी को सेना पिछले वर्ष मई से ही तलाश रही थी। 23 मई 2019 को पुलवामा के त्राल में ही एक एनकाउंटर में नाइकू का साथी और अल कायदा से जुड़़ चुका आतंकी जाकिर मूसा ढेर हुआ था। इसके बाद से सुरक्षाबलों की नजरें नाइकू पर थीं। मूसा के बाद नाइकू घाटी का मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट बन गया था। उसने पिछले वर्ष घाटी के लोगों को लोकसभा चुनावों में वोट न डालने के लिए भी धमकाया था। आतंकी नाइकू पर 12 लाख का ईनाम था और वह A++ कैटेगरी का आतंकी था।
मैथ टीचर नाइकू के आए थे 464 नंबर
बांदीपोरा का रहने वाला 35 साल का नाइकू मैथ टीचर भी था। पिछले वर्ष रियाज के पिता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका बेटा नाइकू इंजीनियर बनना चाहता था। वह मैथ्स में अच्छा था और उसे कंस्ट्रक्शन के काम में भी रुचि थी। लेकिन पिता उसे उसी दिन मरा हुआ मान चुके थे जिस दिन उसने हिजबुल ज्वाइन किया था। अपने बेटे को याद करते हुए पिता कहते हैं, 'उसके 12वीं में 600 में से 464 नंबर आए थे। इसके बाद वह प्राइवेट स्कूल में मैथ भी पढ़ाने लगा था। सूत्रों के मुताबिक नाइकू अपनी बीमार मां को देखने के लिए आया था। नाइकू को अपने संगठन में बस एक या दो लोगों पर ही भरोसा था और वह उनके साथ ही अपनी मूवमेंट की सारी जानकारी साझा करता था।
आतंकियों के जनाजे में शामिल होता था नाइकू
26 अप्रैल 2019 को को सुरक्षाबलों ने पुलवामा के बेगीपेारा गांव में आतंकी रियाज नायकू की घेराबंदी भी कर ली, लेकिन पत्थरबाजों की मदद से वह वहां से भागने में सफल भी हो गया। रियाज को अक्सर आतंकियों के जनाजे में देखा गया है। जनाजे में बंदूक लहराता और युवाओं को उकसता नाइकू सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बन गया था। साल 2018 में उसने कहा था कि वह सरेंडर करना चाहता है मगर ऐसा नहीं हुआ और जब सेना टीम के साथ पहुंची तो नाइकू वहां से भाग गया।नाइकू की मौत वानी के बाद हिजबुल के लिए बड़ा झटका है। नाइकू ने इस वर्ष घाटी में दर्जनों युवकों की भर्ती की थी। कश्मीर में उसकी वजह से कम से कम एक दर्जन युवा हिजबुल में शामिल हुए थे।
कश्मीरी पंडितों को लेकर कही थी बड़ी बात
जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस बात की पुष्टि देर रात की थी कि टॉप टेररिस्ट कमांडर को पुलवामा एनकाउंटर में घेर लिया गया है। इंडियन आर्मी की तरफ से बताया गया है कि जो एक और एनकाउंटर खीरयू में चल रहा है उसमें एक आतंकी को ढेर किया गया है। कुछ और आतंकी यहां पर छिपे हुए हैं। एक आतंकी को अवंतिपोरा के सरसैल में ढेर किया गया है। पिछले साल नाइकू ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह घाटी में वापस आए कश्मीरी पंडितों का स्वागत करता है साथ ही उसने दावा किया था कि आतंकवादी पंडितों के दुश्मन नहीं हैं।