जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के 4 महीने बाद बड़ा बदलाव, उद्योगों को जमीन के लिए शुरू हुई ये कार्रवाई
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटे करीब चार महीने हो गए हैं, इस दौरान प्रदेश में जरूरी बदलाव को लेकर कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में तेज आर्थिक विकास को लेकर जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने नए केंद्र शासित प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए लैंड बैंक बनाना शुरू कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को आकर्षित करने के लिए राज्य में लैंड बैंक बनाए जा रहे हैं। इसके पीछे कवायद यही है कि उन्हें उचित दर पर जमीन उपलब्ध करवाई जा सके।
जम्मू-कश्मीर में लैंड बैंक बनाने की कवायद शुरू
इसी साल 5 अगस्त को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले धारा 370 को हटाने का फैसला लिया। यही नहीं जम्मू और कश्मीर से पूर्व राज्य का दर्जा वापस लेकर केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया, जिसकी अपनी विधानसभा भी है। वहीं पहले जम्मू-कश्मीर में आने वाले लद्दाख क्षेत्र को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है। इस फैसले के बाद अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश में आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
औद्योगिक विकास के लिए प्रशासन ने उठाए ये कदम
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एसआईडीसीओ) के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र कुमार ने बताया, 'हम दोनों क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर) में 5,000 से अधिक कनाल (लगभग 624 एकड़) की जमीन लैंड बैंक बनाने के लिए देख रहे हैं। हमने इनकी पहचान कर ली है और औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि की पहचान कर रहे हैं।' इस बारे में जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों के अधिकारियों को जमीन की पहचान के लिए कहा गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लैंड बैंक बनाए जा सके।
5 अगस्त को केंद्र ने लिया जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का फैसला
रविंद्र कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया, 'यह अभी प्रारंभिक चरण में है और जिलों में अधिकारियों से ज्यादा भूमि की पहचान के लिए कहा गया है।' बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद कई बड़े समूहों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश की घोषणा की थी। चार महीने में ही 35 से 40 समूहों ने अपने प्रोजेक्ट प्रशासन को सौंपे हैं। इन निवेश में सबसे बड़ी चुनौती पर्याप्त जमीन उपलब्ध करवाने की है। इसी के बाद अब प्रदेश प्रशासन ने लैंड बैंक बनाना शुरू किया है, जिससे ज्यादा औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
31 अक्टूबर को अस्तित्व में आए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
बता दें कि 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद औपचारिक रूप से 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख अब दो प्रशासकों के अधीन होंगे। इसके साथ ही भारत के आंतरिक नक्शे में भी बड़ा बदलाव हो चुका है। अब देश में नौ केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं, जो कि 30 अक्तूबर तक सात थे। वहीं राज्यों की संख्या अब 28 हो गई है। पहले यह संख्या 29 थी। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विधानसभा नहीं होगी। जबकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा कायम रहेगी।
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