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जमियत उलेमा-ए-हिंद ने कहा गुजरात दंगों से न जोड़ें मोदी को

By Ajay Mohan
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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुख‍िया मुलायम सिंह यादव के लिये यह निराशानजरक हो सकता है कि उत्तर प्रदेश समेत देश के बाकी हिस्सों के मुसलमानों का झुकाव अब नरेंद्र मोदी की तरफ होने लगा है। जी हां यह सच है, इसीलिये मुस्ल‍िम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने कहा है कि मोदी को अहमदाबाद कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में क्लीन चिट दे दी गई है, तो अब उन्हें गुजरात दंगों का दोषी कहना बंद कर देना चाहिये।

मौलाना ने कहा कि हम मोदी के प्रति चिंतित नहीं हैं। 50 मोदी आ जायें तो भी हमें डरना नहीं है। हमें किसी का डर नहीं है। लिहाजा मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा।

मौलाना से पूछा गया कि मुसलमानों में मोदी के आने के बाद फिर से दंगे फैलने का डर है, इस पर मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को मोदी से डरने की जरूरत नहीं है। हिन्दू मुसलमान दोनों ही इस देश के मूल निवासी हैं और सदियों से शांतिपूर्ण ढंग से रह रहे हैं। झगड़े से कुछ हासिल नहीं हुआ है, सभी को एक जुट होकर प्यार मोहब्बत के साथ रहना चाहिये।

मदनी के इस बयान से सबसे ज्यादा अगर मिर्ची लगी है, तो वो हैं समाजवादी पार्टी के मुख‍िया मुलायम सिंह यादव, क्योंकि पिछली तीन-चार रैलियों में उन्होंने गुजरात दंगों की याद दिला कर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को सपा की ओर आकर्ष‍ित करने की कोशिश की थी। यही नहीं मुलायम के लिये अब मुस्ल‍िम वोट ही बचा है, जिसके सहारे केंद्र के लोकसभा चुनाव में वो अपनी पार्टी की साख बचाने में जुटे हुए हैं।

English summary
The Jamiat Ulama-i-Hind today said it was not worried about the safety and security of Muslims if Gujarat Chief Minister Narendra Modi became the Prime Minister.
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