सरकार की यूनिवर्सिटी रैंकिंग लिस्ट में जामिया टॉप पर, जेएनयू और एएमयू भी शीर्ष चार में
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटी की सालाना रैंकिंग जारी की है। इसमें दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया को पहला स्थान मिला है। 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की इस लिस्ट में दूसरे पर अरुणाचल की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, तीसरे पर दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), चौथे नंबर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों का ये मूल्यांकन 2019-20 में तय किए गए एमओयू के तहत किया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने किया 90 फीसदी स्कोर
शिक्षा मंत्रालय की रैंकिंग में जामिया मिल्लिया इस्लामिया को 90 फीसदी स्कोर के साथ पहले पायदान पर रखा गया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन की ग्रेडिंग और स्कोरिंग में जामिया मिलिया इस्लामिया का स्कोर 90 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी 83 फीसदी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी को 82 फीसदी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 78 फीसदी स्कोर के साथ चौथा नंबर मिला है।
इस तरह तय की गई रैंकिंग
यूनिवर्सिटी रैंकिंग का मूल्यांकन तय करने के लिए यूजी, पीजी, पीएचडी, एमफिल और छात्रों की विविधता को देखा गया। महिला छात्रों की भागीदारी, दूसरे राज्योंऔर विदेशी छात्रों की संख्या, छात्र-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की वेकैंसी, विजिटिंग फैकल्टी जैसी चीजें देखी गईं। इसके साथ-साथ कैंपस इंटरव्यू के माध्यम से छात्रों की संख्या, नेट और गेट परीक्षा पास करने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर रैंकिंग तय की गई है।
साइन किया गया है एमओयू
रैंकिंग तय करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालयों और यूजीसी के साथ एक एमओयू साइन किया है। यूनिवर्सिटियों का मूल्यांकन इसी एएमयू के तहत किया गया। जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी ने बयान में कहा है कि सभी यूनिवर्सिटी को शिक्षा मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के साथ ट्राइपार्टी एएमयू साइन करना था। 2017 में जामिया पहली यूनिवर्सिटी थी जिसने इस पर साइन किया था और अपने मूल्यांकन के लिए अर्जी दी थी।
जामिया की वाईस चांसलर नजमा अख्तर ने इस उपलब्धि को लेकर कहा है कि यह उपलब्धि बेहद महत्वपूर्ण है। कैंपस में सीएए और एनआरसी प्रोटेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि खासतौर से हाल के दिनों में विश्वविद्यालय जिन चुनौतियों से गुजरा है, उससे ये उपलब्धि खास बन जाती है। बता दें कि सीएए और एनआरकी के खिलाफ जामिया, एएमयू और जामिया में प्रदर्शन हुए थे। जामिया में इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी देखने को मिली थी।