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अफगानिस्‍तान के लिए आईएसआईएस की नजर भारत पर

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नई दिल्‍ली। मंगलवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत पर आईएसआईएस के आतंकी हमले के खतरे की बात कही है। यूरोप और अमेरिका की तरह ही भारत पर भी आईएसआईएस का खतरा बरकरार है और इसमें इजाफा हो रहा है।

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आप जानकर चौंक जाएंगे कि वर्ष 2016 के अंत तक आईएसआईएस भारत से 300 लड़कों की भर्ती करना चाहता है। संगठन की ओर से भारत में भर्ती का काम कर रही एजेंसी अंसार-उल-तवाहिद (एयूटी) को यह बात साफ कर दी गई है। इंडियन मुजाहिद्दीन में फूट के बाद एयूटी बना है।

300 युवाओं को शामिल करना चाहता है आईएसआईएस

एयूटी का मकसद भारत से ज्‍यादा से ज्‍यादा युवाओं की आईएसआईएस के लिए भर्ती करना है। भर्ती की प्रक्रिया काफी धीमी रही और एयूटी को भारत से सिर्फ कुछ ही लोग मिल सके जो आईएसआईएस में शामिल होना चाहते हों।

गृह मंत्रालय की ओर से जो आधिकारिक संख्‍या बताई गई है वह 23 थी। इंटेलीजेंस ब्‍यूरो की ओर से जारी सख्‍ती की वजह से भारत में भर्ती पर थोड़ा नियंत्रण है।

एयूटी का मकसद भारत से वर्ष 2016 तक 300 लड़कों को भर्ती करना है। यह भर्ती इराक और सीरिया के लिए न होकर

अफगानिस्‍तान के लिए हो रही है। भारतीयों को सीरिया और इराक की तुलना में अफगानिस्‍तान के लिए संगठन में शामिल करना आईएसआईएस के लिए काफी अहम है।

एनआईए ने अपने डॉजियर में कही बात

एनआईए ने पिछले वर्ष अपने एक डॉजियर में आईएसआईएस और एयूटी के साथ आने की बात कही थी। डॉजियर में कहा गया था कि आईएसआईएस संगठन के लिए 300 भारतीयों को शामिल करना चाहता है।

एनआईए ने अपने डॉजियर में तीन अहम ऑपरेटिव्‍स अब्‍दुल कादिर अरमार, गुल मैरिकार और शफी अरमार का जिक्र किया था। यह तीनों ऑपरेटिव दक्षिण भारत के रहने वाले हैं।

एनआईए के मुताबिक आईएसआईएस अफगानिस्‍तान में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। इस मकसद से भारत से शामिल युवा उसके मददगार साबित हो सकते हैं।

कौन है एयूटी का मुखिया

इंडियन मुजाहिद्दीन जो भारत में ही पनपा खतरनाक आतंकी संगठन बन गया, यासीन भटकल की गिरफ्तारी के साथ ही कमजोर हो गया।

यासीन की गिरफ्तारी के साथ ही इंडियन मुजाहिद्दीन में फूट पड़ गई और संगठन के सदस्‍य रियाज भटकल से असहमत नजर आने लगे। उनका मानना था कि रियाज का झुकाव पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की ओर ज्‍यादा है।

सदस्‍य मानते थे कि रियाज और संगठन को अब आईएसआईएस के करीब होना चाहिए। संगठन में कर्नाटक के भटकल का रहने वाला सुल्‍तान अरमार वह शख्‍स निकला जिसने विद्रोह की आवाज को जोर-शोर से उठाया।

उसके साथ उसका भाई शफी अरमार भी इसमें शामिल था। दोनों ने फिर आईएसआईएस के साथ जाने का फैसला किया।

आईएसआईएस के मुखिया अबु बकर अल-बगदादी ने सुल्‍तान को एयूटी का प्रमुख बना दिया। आईएसआईएस का दावा है कि सुल्‍तान की मौत हो चुकी है लेकिन भारतीय एजेंसियों को इस दावे पर शक है।

Comments
English summary
Target 300 by the end of 2016 is the message that the ISIS had for its Indian recruitment agency, Ansar-ul-Tawhid. The birth of the AuT took place following the splitting up of the Indian Mujahideen.
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