आतंकी का खुलासा, रक्का में ISIS की ओर से लड़ रहे हैं कई भारतीय
मोईदीन ने और भी कई चौंकाने वाले खुलासे सुरक्षा एजेंसियों के सामने किए हैं। उसने बताया कि आईएसआईएस में शामिल होने गए केरल 22 नौजवान अफगानिस्तान में तैनात हैं
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से जुड़े लड़ाके सुबहानी हजा मोइदीन ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ा खुलासा किया है। उसने बताया कि भारत के कई नौजवान जिन्होंने आईएसआईएस ज्वाइन किया है सीरियाई शहर रक्का में आईएसआईएस के लिए लड़ रहे हैं।
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आईएसआईएस
में
शामिल
हुआ
था
मोईदीन
सुबहानी हजा मोईदीन एक भारतीय है जिसने आईएसआईएस ज्वाइन किया था। उसे 2015 में इराक में ट्रेनिंग दी गई। सुबहानी हजा मोईदीन ने बताया कि कई भारतीय युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करके उन्हें रक्का शहर में तैनाती दी गई है। वह आईएसआईएस की ओर से इराकी सेना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
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आईएसआईएस से जुड़े कई अहम खुलासे
सुबहानी मोईदीन भारत से आईएसआईएस में शामिल होने वाला अहम सदस्य था। वह दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन का वरिष्ठ सदस्य था।
उसने बताया कि वह पिछले साल लगातार पांच महीने तक मोसूल शहर में आईएसआईएस के सदस्यों के संपर्क में रहा। उनसे हुई बातचीत के आधार पर पता चला कि आईएसआईएस में चुने गए भारतीय रक्का शहर में तैनात हैं।
आईएसआईएस में शामिल हुए 22 लड़ाके अफगानिस्तान में तैनात
मोईदीन ने और भी कई चौंकाने वाले खुलासे सुरक्षा एजेंसियों के सामने किए हैं। उसने बताया कि आईएसआईएस में शामिल होने गए केरल 22 नौजवान अफगानिस्तान में तैनात हैं। वह आईएसआईएस लड़ाकों के तौर पर अफगानिस्तान में लड़ाई लड़ रहे हैं।
सुबहानी हजा मोईदीन ने बताया कि अबु बक्र अल बगदादी के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन में साल 2014 तक 60 से ज्यादा भारतीय शामिल हुए। उनमें से कई की मौत जंग में हो चुकी है।
रक्का में लड़ रहे सबसे ज्यादा भारतीय लड़ाके
सुबहानी मोईदीन ने बताया कि करीब सात से दस हजार आईएसआईएस लड़ाके रक्का शहर में तैनात हैं। वहीं कई और लड़ाकों को यहां भेजा जा रहा है। रक्का में इराकी सेना से जंग जारी है वहीं मोसूल और दूसरे इलाकों से भी आईएसआईएस लड़ाकों को खदेड़ने की कवायद जारी है।
सरकार से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आईएसआईएस में शामिल होने वाले मोईदीन से हमें इस आतंकी संगठन से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं। मोईदीन ने बताया कि वह विदेशी लड़ाकों के तौर पर आईएसआईएस में शामिल किया गया। उसे विदेशी लड़ाकों के ग्रुप में रखा गया था। इस ग्रुप में 22-25 सदस्य होते थे।
मोईदीन अप्रैल 2015 में तुर्की शहर उर्फा पहुंचा था
सुबहानी मोईदीन ने बताया कि अप्रैल 2015 में तुर्की शहर उर्फा पहुंचा था। यहां पहुंचने के लिए उसने तार तक काटा था। उसके साथ जॉर्डन, जर्मनी, यूरोप, यूके, फ्रांस, पाकिस्तान, लेबनान और अफगानिस्तान के युवक थे। ये सभी लोग आईएसआईएस में शामिल होने के लिए अपने परिवार के साथ वहां पहुंचे थे।
मोईदीन ने सुरक्षा एजेंसियों को बताई अपनी कहानी
मोईदीन ने बताया कि हमें सीरिया के तेल अबीद शहर ले जाया गया। उस समय हमें एक छोटे से घर में रखा गया। इस दौरान हमें दिन में दो बार खाना दिया जाता। एक बार सुबह करीब 10 बजे और फिर सूर्यास्त के बाद।
मोईदीन ने बताया कि हमें तड़के सुबह जगा दिया जाता। सबसे पहले हम प्रार्थना करते और फिर व्यायाम कराया जाता। इसके बाद हमें दो घंटे धार्मिक कक्षाएं दी जाती। इसमें हमें अरबी और अंग्रेजी में बातें बताई जाती।