बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल के युवाओं पर आईएसआईएस की नजरें
कोलकाता। इंटलीजेंस एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल राज्य पुलिस को अलर्ट किया है और कहा है कि आईएसआईएस के लिए पश्चिम बंगाल एक अहम राज्य हो सकता है। एजेंसियों का मानना है कि आईएसआईएस को युवाओं को आतंकवाद की लड़ाई में शामिल करने के लिए राज्य में संभावनाएं दिख रही हैं।
संगठन ने युवाओं के प्रोत्साहन के लिए न केवल साइबर रूट खोल है बल्कि राज्य के पड़ोसी जिलों में अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा दी है। गृह मंत्रालय की ओर से भी राज्य सरकार को कई बार चेतावनियां भेजी गई है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से आगाह किया गया है कि राज्य पर आतंकी गतिविधियों का एक संभाावित खतरा है। राज्य सरकार ने अभी तक राज्य में आतंकी गतिविधियों की निगरानी के लिए साइबर सेल तक नहीं तैयार की है।
अगस्त के पहले सप्ताह में 12 राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की मीटिंग में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल ने इस बात की ओर इशारा किया था कि हावड़ा एक ऐसी जगह है जहां के कुछ युवाओं ने आईएसआईएस की गतिविधियों को ऑनलाइन फॉलो किया है और उनकी पहुंच सोशल मीडिया तक है। मीटिेग में पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख जी एम पी रेड्डी भी शामिल थे।
गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को साइबर एक्सपर्ट्स की टीम तैयार करने को कहा गया था। कहा गया था कि टीम बेंगलुरू के नेशनल टेक्निकल एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे सोशल नेटवर्किंग साइट्स की निगरानी कर सकें। लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया है।
कुछ दिनों पहले आईबी का एक राष्ट्रीय सर्वे के नतीजे सामने आए थे। इस सर्वे के मुताबिक आईएसआईएस युवाओं को जोड़ने के लिए पश्चिम बंगाल पर नजर जमा रही है।
इस सर्वे में हावड़ा चौथा शहर था, जहां के युवाओं ने आईएसआईएस में ऑनलाइन रूचि दिखाई थी। इसके बाद श्रीनगर, फिर गुवाहाटी और चिंचवाड़ का नंबर था।