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अमेरिका का पाक को इशारा, ओबामा चले जाएं तब करना भारत पर हमला!

By Vicky Nanjappa
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नई दिल्‍ली। जो अमेरिका कुछ वर्षों पहले तक पाकिस्‍तान को आतंकी राष्‍ट्र घोषित करने की तैयारी कर चुका था, उसी अमेरिका ने अब पाक को ओबामा के भारत में रहने तक आतंकी हमला या फिर सीमा पार से कोई हरकत न करने की चेतावनी दी है। अपने फैसले को रोक लेने वाले अमेरिका को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि जब ओबामा भारत से वापस लौट जाएंगे तो भारत में क्‍या हालात होंगे।

Barack-Obama-Pakistan

अमेरिका की कथनी और करनी अलग-अलग

पूर्व में कई अमेरिकी राष्‍ट्रपति भारत आएं हैं। इन्‍होंने भारत आकर पाक को कड़े शब्‍दों में चेतावनी भी दी है लेकिन हमेशा ही सख्‍त कार्रवाई करने में कमजोर साबित हुए हैं। सीमा पार पनप रहा आतंकवाद हमेशा से ही भारत के लिए मुसीबत का सबब रहा है।

भारत ने आईएसआई की मदद से पाक में पनप रही आतंक की फैक्ट्रियों के बारे में विरोध भी दर्ज कराया है। इन सभी विरोधों के बाद से अमेरिका की ओर से बयान तो काफी तेजी से आता है लेकिन रीयल एक्‍शन हमेशा ही गायब रहता है।

क्‍यों नहीं कर सकता भारत की मदद

सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो अगर अमेरिका अपने मकसद के लिए ड्रोन हमलों के जरिए आतंकवादियों का खात्‍मा कर सकता है तो फिर वह भारत के पक्ष में हाफिज सईद और साजिद मीर के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई कर सकता है।

वे मानते हैं कि यह दोनों ही शख्‍स न सिर्फ भारत के लिए बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए काफी खतरनाक हैं। भारत की ओर से हमेशा से ही पाक को मिल रही मिलिट्री मदद पर सवाल उठाया है।

भारत हमेशा से ही कहता आया है कि पाक को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए हथियार और दूसरे सैनिक साजो-सामान मुहैया कराए जा रहे हैं।

भारत को हर बार अनसुना

अमेरिका हमेशा ही इसे सुनकर अनसुना करता आया है। अमेरिका ने पाक सेना के लिए 280 बिलियन डॉलर की मदद का प्रस्‍ताव रखा है। हालांकि भारत की चिंताओं से वाकिफ होने के बाद अमेरिका ने नागरिक मदद को 446 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 70 अमेरिकी डॉलर तक कर दिया है।अमेरिका का तर्क है कि आतंकी गतिविधियों से ध्‍यान हटाने के लिए पाक को नागरिक मदद की जरूरत है।

पाक का हमदर्द अमेरिका

हैरानी की बात है कि जो अमेरिका आज पाक को भारत पर हमला न करने की चेतावनी दे रहा है उसी अमेरिका ने भारत को संसद पर हमले के बाद सैनिकों की संख्‍या में इजाफा करने से रोक दिया था। अमेरिका ने बहुत ही रुखे तरीके से भारत से पाक के खिलाफ सुबूत मांगे थे।

भारत को उम्‍मीद थी कि 9/11 के बाद उसका रोल अफगानिस्‍तान में बढ़ेगा लेकिन अमेरिका ने भारत के बजाय पाकिस्‍तान को इसके लिए अहमियत दे डाली। भारत को अमेरिका के उस कदम से खासी निराशा हुई थी। पाक की ओर से सीजफायर वॉयलेशन में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। लेकिन इसके बावजूद अमेरिका की ओर से पाक को कोई भी चेतावनी या कड़े शब्‍दों में कुछ नहीं कहा गया।

भारत के सुरक्षा अधिकारी निराश

अमेरिका की ओर से आई चेतावनी पर मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर्स का कहना है कि यह चेतावनी सीमा पार से जारी समस्‍या का कोई स्‍थायी हल नहीं है। वे मानते हैं कि यह काफी निराशा वाली बात है कि अमेरिका की ओर से ऐसा बयान आया है जबकि अमेरिका को इस समस्‍या के लिए कोई स्‍थायी समाधानों के बारे में बात करनी चाहिए।

सच्‍चाई यह है कि अमेरिका कभी भी पाक को निराश नहीं कर सकता है। अमेरिका हमेशा से ही पाकिस्‍तान को अफगानिस्‍तान में एक बड़ी भूमिका में देखना चाहता है।अमेरिका ने साफ इशारा कर दिया है कि पाकिस्‍तान वर्ष 2015 में अफगान पुलिस और सैनिकों को ट्रेनिंग देगा। यह बात भारत के लिए काफी परेशान करने वाली है।

क्‍या कहते हैं आंकड़ें

पाक की ओर से वर्ष 2014 में 540 बार सीजफायर वॉयलेशन।
पिछले 10 वर्षों में यह सबसे ज्‍यादा है।
वर्ष 2013 में यह आंकड़ा 148 था।
वर्ष 2007 में 21 बार सीजफायर वॉयलेशन।
वर्ष 2009 में 28 बार
वर्ष 2010 में 41
वर्ष 2011 में 51

Comments
English summary
What did the United States of America mean when it told Pakistan to ensure that there is no cross border terror incident during the visit by President Barack Obama to India?
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