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क्या जिंक के ज्यादा इस्तेमाल से भी बढ़ रहा है ब्लैक फंगस का खतरा ?

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नई दिल्ली, 28 मई: कोविड मरीजों को पिछले दिनों से जिंक की टैबलेट दबाकर खिलाई गई है। इम्यूनिटी बढ़ाने और संक्रमण से बचाव के लिए भी लोगों ने पूरे देश में पिछले कुछ समय से जिंक का भरपूर इस्तेमाल किया है। लेकिन, अब डॉक्टर संदेह जता रहे हैं कि ज्यादा जिंक और आयरन भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन का जोखिम बढ़ा रहा है। यही नहीं अगर आवश्यकता से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाता है तो दूसरी परेशानियां भी शुरू हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर इसका सेवन उतना ही सीमित रखने के लिए कह रहे हैं, जितनी की हमारे शरीर को उसकी जरूरत है।

ज्यादा जिंक का इस्तेमाल भी हो सकता है कारण

ज्यादा जिंक का इस्तेमाल भी हो सकता है कारण

भारत में 10 से ज्यादा राज्यों ने म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसी पर माथा खपा रहे हैं कि यह बीमारी कोरोना मरीजों को इतनी तेजी से चपेट में क्यों लेती जा रही है। अब डॉक्टरों का कहना है तो ज्यादा स्ट्रॉयड का इस्तेमाल और डायबिटीज इसके कारण हैं, यह तो सबको बता चल चुका है। लेकिन, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जिंक और आयरल सप्लिमेंट का अधिक इस्तेमाल भी इसकी वजह हो सकता है। वैसे तो ब्लैक फंगस बहुत रेयर डिजीज है। लेकिन, फिर भी भारत में इसके संक्रमण में विश्व की तुलना में अचानक 80 गुना इजाफा देखा जा रहा है। इस बीमारी का कारण म्यूकोरमासिटिस नाम की फंगी स्पेसिज को माना जाता है,जो कि आमतौर पर मिट्टी के पास सड़ने वाली चीजों या जानवरों की गंदगी में पनपता है।

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एक्सपर्ट में ज्यादा जिंक के इस्तेमाल पर छिड़ी है बहस

एक्सपर्ट में ज्यादा जिंक के इस्तेमाल पर छिड़ी है बहस

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक जिन मरीजों को डायबिटीज है, उन्होंने ज्यादा समय तक स्ट्रॉयड लिया है, उन्हें इंजेक्शन के जरिए दवा दी गई है और उनके खून में बहुत ज्यादा आयरन है, तो उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा है। क्योंकि, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। लेकिन, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसके अलावा भी वो कारण मौजूद हैं, जिसके चलते कोविड-19 के दौरान इसके संक्रमण की संख्या अचानक से बढ़ गई है। मुंबई के लीलावती अस्पताल के सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर शशांक जोशी इस विषय पर एक रिसर्च पेपर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने टीओआई से पिछले दिनों कहा, 'हालांकि, पहला कारण तो स्ट्रॉयड का इस्तेमाल और डायबिटीज तो है ही, चिकित्सक समुदाय में पिछले दो दिनों में करोड़ों भारतीयों की ओर से कई महीनों से जिंक के इस्तेमाल पर खूब चर्चा हुई है। '

'ज्यादा जिंक ब्लैक फंगस के अनुकूल'

'ज्यादा जिंक ब्लैक फंगस के अनुकूल'

यही नहीं एक पुराने रिसर्च से ये भी पता चलता है कि जिंक फंगस की वृद्धि में मदद करता है, खासकर म्यूकोरमाइसिटिस स्पेसिज में। यही वजह है कि कई डॉक्टर जिंक और ब्लैक फंगस के बीच में लिंक की पड़ताल के लिए और स्डटी और क्लिनिकल ट्रायल करवाने पर जोर दे रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि कोरोना महामारी के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए करोड़ों भारतीयों को इसकी टैबलेट लेनी चाहिए या नहीं। हालांकि, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन ने एक ट्वीट के जरिए स्पष्ट कह दिया है कि शरीर में जिंक का ज्यादा मात्रा में होना ब्लैक फंगस के लिए अनुकूल स्थिति बनाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है।

प्राकृतिक तौर पर इन चीजों में मिलता है जिंक

प्राकृतिक तौर पर इन चीजों में मिलता है जिंक

कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत में इम्यून बढ़ाने के लिए विटामिन सी, डी और जिंक का इस्तेमाल आंख मूंदकर होने लगा है। हालांकि, तथ्य यह है कि अगर इससे शरीर में इनकी कमी है तो उन्हें दूर करने में मदद तो जरूर मिलती है, लेकिन ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है कि यह या तो कोविड-19 के इलाज में कारगर हैं या फिर इससे बचाव ही करते हैं। अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के भी एक एक्सपर्ट पैनल ने कोविड के इलाज या बचाव के लिए रोजाना की जरूरतों से ज्याद जिंक के इस्तेमाल के खिलाफ सलाह दी है। वैसे भी बच्चों को इसका ज्यादा सप्लीमेंट नहीं देना चाहिए। अलबत्ता गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इसकी ज्यादा जरूरत रहती है। सबसे अच्छी बात है कि अगर जिंक को प्राकृतिक तौर पर लिया जाए तो वह नुकसानदेह नहीं है। मसलन, मूंगफली जिंक का सबसे अच्छा स्रोत है। इनके अलावा सफेद छोले, तरबूज के बीज, दही और अनार में भी जिंक होता है।

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जिंक की ज्यादा मात्रा से हो सकता है नुकसान

जिंक की ज्यादा मात्रा से हो सकता है नुकसान

जो लोग जरूरत से ज्यादा जिंक का सेवन कर लेते हैं उन्हें थकान, पेट की खराबी और बुखार भी हो सकता है। यही नहीं किडनियों पर भी इसका असर पड़ सकता है। डायबिटीज के मरीज में इसकी ज्यादा डोज से परेशानी बढ़ सकती है। जिन गर्भवती या स्तनपान करने वाली माताओं को इसके सेवन की सलाह दी जाती है, उन्हें भी इसकी मात्रा डॉक्टरों के पारमर्श के अनुसार ही रखनी चाहिए।

English summary
In the name of increasing immunity, the use of more zinc is also causing the infection of black fungus, the discussion is happening in the doctors
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