70 हजार करोड़ के खर्च पर स्मार्ट हो जायेगा इंडिया
नयी
दिल्ली।
केंद्रीय
वित्त
मंत्री
अरूण
जेटली
ने
केंद्र
की
निधियों
एवं
केंद्रीय
सार्वजनिक
उपक्रमों
के
संसाधनों
से
वर्ष
2014-15
की
तुलना
में
वित्त
वर्ष
2015-16
के
दौरान
ढांचागत
क्षेत्र
के
निवेश
में
70,000
करोड़
रुपये
की
वृद्धि
करने
का
प्रस्ताव
रखा
है।
आज
यहां
लोकसभा
में
आम
बजट
2015-16
प्रस्तुत
करते
हुए
वित्त
मंत्री
ने
कहा
कि
ढांचागत
क्षेत्र
के
वर्तमान
स्थिति
विकास
की
महत्वाकांक्षाओं
से
मेल
नहीं
खातीं।
इसलिए
उन्होंने
सड़कों
और
रेलवे
पर
परिव्यय
और
सकल
बजटीय
सहायता
दोनों
में
क्रमश:
14031
करोड़
रुपये
और
10,050
करोड़
रुपये
की
बढ़ोत्तरी
की
है।
सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों के पूंजीगत खर्च के 3,17,889 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है जो 2014-15 के संशोधित आकलन से 80,844 करोड़ रुपये अधिक है। ग्रामीण एवं शहरी विकास दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण- 4230 करोड़ रुपये, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण-29420 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-4134 करोड़ रुपये है।
रूर्बन
इस
कार्यक्रम
का
उद्देश्य
ग्रामीण
क्षेत्रों
से
शहरी
क्षेत्रों
में
प्रवास
कम
करने
के
लिए
रूर्बन
क्लस्टरों
में
जीवन
की
गुणवत्ता
को
बेहतर
बनाना
तथा
प्रतिगामी
प्रवास
को
प्रोत्साहित
करना
है।
मेट्रो परियोजनाएं-8260 करोड़ रुपये
इनमें दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कोच्चि, जयपुर, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, लखनऊ, नागपुर शामिल हैं।
100 स्मार्ट सिटी-5899 करोड़ रुपये
बढ़ते शहरीकरण और विश्वस्तरीय शहरी बुनियादी ढांचे की जरूरत पर ध्यान देने के लिए एक व्यापक योजना
नमामि गंगे -2100 करोड़ रुपये