भारतीय सेना से मुठभेड़ में मारा गया घुसपैठिया पाक का SSG कमांडो!
सेना के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बैट ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में मारा गया घुसपैठिया एसएसजी कमांडो हो सकता है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना को अंदेशा है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के ऑपरेशन के दौरान पुंछ जिले में एलओसी पर मारे गए दो हथियारबंद घुसपैठिए पाकिस्तानी सेना के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसएसजी) के कमांडो हो सकते हैं।
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दो घुसपैठिया मारे गए, दो भारतीय जवान भी शहीद
भारतीय सेना ने एक घुसपैठिए की बॉडी के पास से एके47 राइफल, मैगजींस, ग्रेनेड्स और डैगर्स बरामद किए। एक घुसपैठिए की लाश को बैट के मेंबर्स खींच ले गए। कृष्णा घाटी सेक्टर में भारतीय सीमा के 600 मीटर अंदर हुई इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से जबर्दस्त लड़ाई हुई जिसमें भारतीय सेना की मराठा लाइट इंफैंट्री के दो जवान भी शहीद हो गए।
भारतीय सेना के अधिकारी ने ये कहा
घुसपैठिये के सिर पर कैमरा भी बंधा था जिसमें सबकुछ रिकॉर्ड हो रहा था। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बैट ऑपरेशन के दौरान घुसपैठिए जिस तरीके से सटीक निशाना लगाकर 10 सदस्यीय भारतीय पेट्रोल पार्टी से लड़ रहे थे वैसा घुसपैठिए नहीं करते हैं। घुसपैठियों को जब पता चलता है कि उनको डिटेक्ट कर लिया गया है तो भाग लेते हैं। बरामद सामान और रेडियो इंटरसेप्टस इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि घुसपैठिए एसएसजी कमांडो थे लेकिन इस बात को पुख्ता तरीके से बताने के लिए अभी सबूत नहीं हैं।
एसएसजी कमांडो ने ही कारगिल में किया था कब्जा
पाकिस्तान में एसएसजी कमांडो की पहली बटालियन 1950 में बनाई गई थी लेकिन परवेज मुशर्रफ के राष्ट्रपति काल में इसे प्रमुखता मिली। परवेज मुशर्रफ खुद 1966 से 1972 के बीच इस कमांडो फोर्स के अफसर रहे थे। एसएसजी कमांडो को ब्लैक स्टॉर्क्स भी कहा जाता है। 1999 में एलओसी पार घुसपैठ कर कारगिल में कब्जे की करतूत इन्हीं एसएसजी कमांडोज ने की थी जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। एलओसी पर बैट ऑपरेशन चलाने का काम अक्सर एसएसजी कमांडोज ही करते हैं जिसमें वे आतंकियों को शामिल करते हैं। ये भारतीय सेना के जवानों के साथ सिर काटने जैसी बर्बरता करते हैं।