कोरोना के दौरान 25% बढ़ा स्मार्टफोन का इस्तेमाल, जानिए रोजाना कितने घंटे बिता रहे लोग ?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के दौर में बहुत चीजें बदली हैं लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा बदला है तो लोगों का इंटरनेट से लोगों जुड़ाव। पहले लोग जितना समय स्मार्टफोन पर बिताते थे उसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में स्मार्टफोन पर यूजर के समय बिताने में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अध्ययन के मुताबिक भारत में लोग रोजाना 7 घंटे तक स्मार्टफोन पर बिता रहे हैं। पढ़ाई, काम या फिर मनोरंजन के लिए ज्यादातर समय लोग गैजेट के सहारे ही हैं। 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके स्मार्टफोन का इस्तेमाल महामारी के दौरान बढ़ा है। अध्ययन के मुताबिक इसका असर लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला है।
15-45
वर्ष
के
उम्र
वालों
पर
अध्ययन
स्टडी
के
मुताबिक
2019
में
स्मार्टफोन
पर
समय
बिताने
का
औसत
4.9
घंटे
था
जो
कोविड
से
पहले
मार्च
तक
11
प्रतिशत
बढ़ोतरी
हुई
थी
और
यह
बढ़कर
5.5
घंटे
प्रतिदिन
हो
गया।
वहीं
कोविड
के
बाद
इसमें
25
प्रतिशत
की
बढ़ोतरी
देखी
गई।
अप्रैल
से
यह
प्रतिदिन
6.9
घंटे
पहुंच
गया
है।
इस
अध्ययन
को
साइबर
मीडिया
रिसर्च
ने
वीवो
के
लिया
किया
था
जिसमें
15
से
45
वर्ष
के
2000
लोगों
ने
हिस्सा
लिया
थ।
वीवो इंडिया के ब्रांड स्ट्रेटजी डायरेक्टर निपुण मार्या का कहना है कि "महामारी के दौरान सामाजिक रूप से दूर जिंदगी बिताने ने हमें नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। स्मार्टफोन हर चीज के लिए केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के रूप में उभरा। इसने (स्मार्टफोन) घर से काम करने, सीखने के साथ ही दोस्तों और परिवार के साथ जुड़े रहना सिखाया।"
वर्क
फ्रॉम
होम
में
सबसे
ज्यादा
बढ़ोतरी
स्टडी
में
शामिल
लोगों
में
74
प्रतिशत
ने
कहा
कि
अगर
फोन
को
बंद
कर
दें
तो
वह
अपने
परिवार
के
साथ
अधिक
समय
बिता
सकते
हैं।
हालांकि
सिर्फ
18
प्रतिशत
ने
ही
अपने
स्विच
ऑफ
किया।
स्टडी
के
मुताबिक
लॉकडाउन
में
लोगों
का
स्मार्टफोन
इस्तेमाल
को
लेकर
जिसमें
बढ़ोतरी
हुई
है
उसमें
वर्क
फ्रॉम
होम
(75%),
ओटीटी
प्लेटफॉर्म
(59%),
सोशल
मीडिया
(55%)
और
गेमिंग
(45%)
शामिल
है।
इस
दौरान
79
प्रतिशत
उपभोक्ताओं
ने
माना
कि
स्मार्टफोन
अपनों
से
जोड़ने
में
मददगार
है।
महामारी के दौरान जहां फोन का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है तो लोग अपने आस-पास रहने वालों से कटने लगे हैं। स्टडी में 88 प्रतिशत लोगों ने माना कि जब वह किसी के साथ थे तो उसने फोन इस्तेमाल करने के लिए उन्हें टोका, वहीं 46 प्रतिशत लोगों ने किसी से एक घंटे की बातचीत के दौरान कम से कम पांच बार अपना फोन उठाकर देखा।
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