Indian Railways: अब Vande Metro Train चलाएगा रेलवे, जानिए इसकी अबतक की डिटेल
Vande Metro Train:वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेनों की तर्ज पर रेलवे बड़े शहरी की परिधि में वंदे मेट्रो ट्रेन चलाएगा। इससे बड़े शहरों के आसपास की आबाद के लिए काम पर आना और अपने घर लौटना सुगम होगा।
Vande Metro Train: भारतीय रेलवे अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की भी तैयारी कर रहा है। यह भी स्वदेशी तकनीक से तैयार ट्रेन है, जिसका प्रोडक्शन इसी साल शुरू हो जाने वाला है। वंदे मेट्रो ट्रेनों का मकसद बड़े शहरों के आसपास के इलाके के लोगों को आवाजाही के लिए एक बेहतरीन और वर्ल्ड क्लास शटल सेवा वाला विकल्प देना है। अगले वित्त वर्ष से इन ट्रेनों का प्रोडक्शन और बढ़ाया जा जाएगा। गौरतलब है कि रेलवे को इस बार के बजट में करीब 2.41 लाख करोड़ रुपए का आवंटन मिला है।
वंदे मेट्रो ट्रेन चलाएगा रेलवे
भारतीय रेलवे अब वंदे मेट्रो ट्रेन भी विकसित कर रहा है, जो कि स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ही एक मिली वर्जन होगा। साल 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट की घोषणा के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी दी है कि इस साल नई वंदे मेट्रो की डिजााइन और प्रोडक्शन की काम पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि इस बार के बजट में रक्षा और सड़क परिवहन के बाद भारतीय रेलवे को सबसे ज्यादा 2.41 लाख करोड़ रुपए का आवंटन मिला है, जो कि 2013-14 के बजट के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है। रेलवे पर इतने बड़े खर्च करने का मकसद ही इसका आधुनिकीकरण और विस्तार करना है।
वंदे मेट्रो ट्रेन क्या है ?
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक अगले वित्त वर्ष से नए वंदे मेट्रो ट्रेन का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में कहा है, 'हम वंदे मेट्रो भी विकसित कर रहे हैं।......... इसके लिए हम वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर वंदे मेट्रो कंसेप्ट के साथ आ रहे हैं, जो कि बहुत ही तेज, और उपभोक्ताओं के लिए वर्ल्ड क्लास शटल की तरह का अनुभव देगा। और इस साल इसकी डिजाइन और प्रोडक्शन का काम पूरा हो जाएगा, और अगले साल यानि 2024-25 के वित्त वर्ष में हम उनका प्रोडक्शन और तेज कर देंगे।'
वंदे मेट्रो ट्रेन की विशेषता
वंदे मेट्रो ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के समान होगी, जो बड़े शहरों और आसपास के इलाकों में ट्रेनों से सफर को सुलभ बनाएगी। यह बड़े शहरों की 50-60 किलोमीटर की परिधि में रहने वाली आबादी को तेज और मेट्रो ट्रेनों की तरह शटल जैसा वर्ल्ड क्लास यातायात की सुविधा देगा। जो लोग काम के सिलसिले में आसपास के इलाकों से मेट्रो शहरों में आते हैं, उन्हें इसका काफी फायदा मिलेगा। यह एक तरह से उप-नगरीय ट्रेनों के कंसेप्ट पर भी आधारित है। लेकिन, इसमें स्पीड और क्लास का फर्क है और मेट्रो ट्रेनों की तरह की सुविधा वंदे भारत एकस्प्रेस ट्रेनों की तर्ज पर स्पीड का मिश्रण होने की उम्मीद है। इन ट्रेनों में यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वर्ल्ड क्लास यात्रा का आनंद प्राप्त होगा।
वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन
भारतीय रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर वर्जन लॉन्च करने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहा है। रेलवे का मानना है कि 8 कार वाले इस ट्रेन कंपोजिशन के उतरने से उन लोगों को काफी सुविधा मिलेगी, जो दो बड़े शहरों के बीच तेज गति से अधिक आरामदायक यात्रा करना चाहते हैं। इसके लिए रेलवे ने चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री के जनरल मैनेजर और लखनऊ स्थित रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डड ऑर्गेनाइजेशन से जल्द से जल्द रेक तैयार करने को कहा है।
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बड़े बजट से रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में बूम के आसार
रेलमंत्री के मुताबिक कई वर्षों से रेलवे में पर्याप्त निवेश नहीं होने की वजह से इसकी क्षमता के अनुसार सफलता हासिल करने में जो भी दिक्कत हुई, 2.41 लाख करोड़ की वित्तीय सहायता से यह कमी पूरी होगी। इसकी मदद से रेलवे को अपने उन 800 करोड़ यात्रियों की अपेक्षाओं पर खड़े उतरने का मौका मिलेगा, जो यातायात के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं।