चीन से तनाव के बीच पूर्वी सेक्टर पहुंचे वायुसेना प्रमुख भदौरिया, लिया हालात का जायजा
चीन से तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे वायुसेना प्रमुख भदौरिया, पूर्वी सेक्टर पर लिया हालात का जायजा
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं में चल रही तनातनी के बीच वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने पूर्वी सेक्टर का दौरा किया है। बुधवार को भदौरिया पूर्वी सेक्टर स्थित एयरबेस पहुंचे। यहां उन्होंने परिचालन तैयारियों और वायुसेना की क्षमता की समीक्षा की। वायुसेना प्रमुख ने एयरबेस पर सेवारत जवानों से भी बातचीत की और उनका हौंसला बढ़ाया।
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सेना प्रमुख मनोज मुंकुंद नरवणे भी लद्दाख में
सेना प्रमुख मनोज मुंकुंद नरवणे भी लद्दाख में हैं। सेना प्रमुख एमएम नरवणे गुरुवार सुबह लद्दाख पहुंचे। यहां उन्होंने साउथ पैंगोंग समेत अन्य जगहों पर ताजा हालात का जायजा लिया। सेना प्रमुख दो दिन के लिए लद्दाख पहुंचे हैं। पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर सेना प्रमुख नरवणे को शीर्ष कमांडर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएंगे। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की। इस सिलसिले में चली बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी शामिल हुए।
लगातार बना है तनाव
भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महीनों से तनाव बना हुआ है। चीन की ओर से भारत के कई हिस्सों पर जबरन कब्जे की कोशिशों को लेकर ये तनाव है। इसी के चलते 15 जून को गलवान में बहुत भयनाक भिड़ंत चीन और भारत के सैनिकों के बीच हो गई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। भारत और चीन दोनों तरफ से ही लगातार कहा जा रहा है कि बातचीत चल रही है और तमाम मसलों का हल बैठकों के जरिए निकाला जा रहा है। वहीं दोनों ही देशों की ओर से ये भी लगातार स्वीकार किया जा रहा है कि सब ठीक नहीं है और हालात तनावपूर्ण हैं। 29/30 अगस्त की रात को पेगोंग झील के दक्षिणी तट पर चीन और भारत की सेना के बीच फिर से झड़प हुई, जिसके बाद वहां स्थिति में तनाव काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है।
बैठकों का दौर जारी
सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के कमांडरों के बीच कई दौर की वार्ता हुई है। सोमवार और मंगलवार को हुई वार्ता करीब छह घंटे तक चली लेकिन इसके बाद भी कोई हल नहीं निकल सका। दोनों पक्षों के सेना कमांडरों की बुधवार को हुई एक और दौर की वार्ता असफल रही।