पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर भारत की पाकिस्तान को दो टूक, कहा-अपने गिरेबान में झांके पड़ोसी मुल्क
नई दिल्ली, 06 जून: बीजेपी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी पर पाकिस्तान ने सोमवार को भारतीय प्रभारी को तलब किया था। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा की थी। अब भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। नयी दिल्ली ने कहा कि भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सम्मान का भाव रखती है और पड़ोसी देश को अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व कुशलता पर ध्यान देना चाहिए।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन करने वाले एक देश का किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर टिप्पणी करना किसी के गले नहीं उतर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, अहमदिया सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सुनियोजित उत्पीड़न की गवाह रही है।
बागची ने कहा कि भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है, जबकि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की सराहना की जाती है और उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हमारा पाकिस्तान से कहना है कि वह भय पैदा करने वाले दुष्प्रचार में संलग्न होने और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने के बजाय अपने यहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा एवं कुशलता पर ध्यान केंद्रित करे।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी की रविवार को निंदा की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि भारत की वर्तमान सरकार धार्मिक स्वतंत्रता और विशेष रूप से मुसलमानों के अधिकारों को कुचल रही है। पाकिस्तान ने इन विवादित टिप्पणियों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार सुबह भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था।
वहीं दूसरी ओऱ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आईओसी देशों के बयानों पर कहा कि, , हमने इस्लामी सहयोग संगठन (आईओसी) के महासचिव की ओर से भारत को लेकर दिए गए बयान को देखा है। भारत सरकार आईओसी सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है। भारत सरकार सभी धर्मो को सर्वोच्च सम्मान देती है। एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। वे किसी भी तरह से, भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। संबंधित निकायों की ओर से इन व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है।