INS विक्रमादित्य बनेगा समुद्र में दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा खतरा
नई दिल्ली। समुद्र में भारत की ताकत अगले 2 महीनों में दोगुनी से भी अधिक होने वाली है। भारत का सबसे बड़ा और ताकतवर युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य एक बार फिर नयी तकनीक से लैस होकर भारतीय जलसेना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है।
इजरायल
की
बराक-1
मिसाइल
से
लैस
होगा
आईएनएस विक्रमादित्य में जल्द ही इजराइल की बराक-1 मिसाइल लग जाएगी जोकि इस विक्रमादित्य की ताकत को कहीं ज्यादा बढ़ा देगी। भारतीय नौसेना जल्द ही आईएनएस गोदावरी से इजराइली बराक-1 मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली को इसमें लगाएगी। आपको बता दें कि आईएनएस गोदावरी जल्द ही सेवा से बाहर होने वाला है।
क्या है बराक मिसाइल-1
आईएनएस विक्रमादित्य की सबसे बड़ी ताकत इसमें लगायी गयी इजराइल निर्मित बराक-1 मिसाइल है। यह मिसाइल 9 किलोमीटर के दायरे में अपने दुश्मन की हर मिसाइल के परखच्चे उड़ा सकती है।
इस तकनीक की मदद से यह युद्धपोत आसानी से अपने दुश्मन के मिसाइल को पहचान लेती है और इसे आसानी से नष्ट कर सकती है। वर्तमान में भारत में 14 ऐसे युद्धपोत हैं जो इस तकनीक से लैस हैं। इसमें मुख्य रूप से आईएनएस विक्रांत, आईएनएस मैसूर और शिवालिक जहाज हैं। लेकिन आईएनएस विक्रमादित्य इजराइल बराक-1 की आधुनिक तकनीक से लैस है।
भारत
का
सबसे
महंगा
युद्धपोत
भारत ने आईएनएस विक्रमादित्य के नवीनीकरण में 2.33 बिलियन डॉलर रुपए खर्च किये हैं। इसे रूस में नयी तकनीक से लैस किया गया है। नौसेना ने आईएनएस विक्रमादित्य पर एके-630 रेपिड फायर गन को भी लैस किया है।
इस युद्धपोत से मिग से अब मिग 29 को भी लांच किया जा सकता है।इसके लिए भारत ने 2 बिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च किये हैं। आईएनएस विक्रमादित्य अब भारत का सबसे महंगा युद्धपोत हो जाएगा।
जून-जुलाई
तक
शामिल
होगा
नौसेना
के
बेड़े
में
फिलहाल आईएनएस विक्रमादित्य की मरम्मत का कार्य करवाड़ में चल रहा है। माना जा रहा है कि जून या जुलाई तक इसकी मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा और इसे भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
खूबियों
के
साथ
बड़ी
कमी
भी
है
आईएनएस
विक्रमादित्य
में
लेकिन इन सब खूबियों के बाद भी आईएनएस विक्रमादित्य में एक बड़ी कमी है। इस युद्धपोत में दुश्मन के ड्रोन, विमान और मिसाइल से बचने का कोई उपाय नहीं किया गया है। इन अहम तकनीक की कमी के चलते यह युद्धपोत के इतनी खूबियों के बाद भी कमजोर नजर आता है।
आने
वाले
सालों
में
भारत
की
नौसेना
और
होगी
मजबूत
वहीं एक तरफ जहां भारत के नौसेना के बेड़े में आईएनएस विक्रांत शामिल होने जा रहा है। तो दूसरी तरफ भारत अपना पहला स्वनिर्मित इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर-1 दिसंबर 2018 भी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल कर लेगा, इसे विशाखापत्तनम में उतारा जाएगा।
इसके साथ ही इसी श्रेणी के 3 और युद्धपोत भारत 2 साल के अंतराल पर नौसेना के बेड़े में शामिल करेगा। जो भारत की नौसेना की ताकत को कहीं बढ़ा देगा।