भारत आएंगे पुतिन तो भारत रूस के बीच होंगे 18 समझौते
नई दिल्ली। शनिवार से गोवा में आंठवें ब्रिक्स सम्मेलन का आगाज होगा। इस सम्मेलन के अलावा इसी दिन 17वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन का भी आयोजन होगा।
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18 समझौते और एक दिन
शनिवार का दिन भारत और रूस के संबंधों के लिए एक अहम दिन साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि इस दौरान भारत और रूस के बीच 18 अहम समझौतों को मंजूरी मिल सकती है।
ये सभी समझौतें काफी अहम हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति पुतिन इस दौरान कुडानकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट की चौथी यूनिट का भी उद्घाटन कर सकते हैं।
पुतिन 14 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं। भारत आने से पहले उनके करीबी यूरी यूशाकोव ने रूस की एक न्यूज एजेंसी से कहा है कि जो समझौते भारत के साथ होंगे उनमें परमाणु ऊर्जा को लेकर आपसी सहयोग सबसे बड़ा समझौता होने वाला है।
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अगस्त में कुडानकुलम की पहली यूनिट
पुतिन ने इस प्लांट को लेकर कहा है कि भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार को लेकर ऊर्जा की साझेदारी काफी अहम है।
पुतिन ने बताया कि जब अगस्त 2016 में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने कुडानकुलम पावर प्लांट की पहली यूनिट का उद्घाटन किया था तो चर्चा हुई थी कि दूसरी यूनिट भी जल्द ही शुरू होगी।
रूस कर रहा है भारत में फंडिंग
रूस की रॉसटोम स्टेट कॉरपोरेशन और भारत की न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ने मिलकर कुडानकुलम पावर प्लांट की तीसरी चौथी यूनिट का निर्माणकार्य शुरू कर दिया है। रूस की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग की जा रही है। इस प्रोजेक्ट की लागत 3.4 बिलियन डॉलर है।
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भारत को बताया अहम साझीदार
इससे पहले पुतिन ने भी अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि रूस हमेशा अत्याधुनिक हथियारों और सैन्य उपकरणों के अलावा ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज के लिहाज से भारत के लिए एक अहम हिस्सा रहेगा।
पुतिन ने कहा कि भारत, रूस का एक अहम रणनीतिक साझीदार है और दोनों ही देश मिलिट्री तकनीक के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे।
17वां भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन
भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन ब्रिक्स सम्मेलन से अलग होगा। इस सम्मेलन से पहले ही भारत ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते रूस के सैन्य सहयोग को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं। यह ज्वाइंट एक्सरसाइज उरी आतंकी हमले के ठीक बाद शुरू हुई थी।