कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप को कम कर सकती है सरकार, इन्हें होगी इजाजत
नई दिल्ली, सितंबर 22: कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच के अंतर को कम किया जा सकता है। सरकार ये इजाजत प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के दे सकती है। सरकार चार सप्ताह बाद वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने का विकल्प दे सकती है, जो वर्तमान में 12 से 16 सप्ताह के बीच है। यह पहली बार नहीं है जब भारत अपनी टीकाकरण नीति में संशोधन करेगा।
इस महीने की शुरुआत में केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भुगतान करने वाले लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लेने के चार सप्ताह के बाद कोविन पोर्टल पर कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक को शेड्यूल करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। जो पहले से ही विदेश में उड़ान भरने वालों को दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों को 84 दिनों से पहले कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक देने की अनुमति मांगी थी।
सूत्रों के मुताबिक, चूंकि उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है, इसलिए सरकार को इसे करना ही होगा। सरकारी कार्यक्रमों के लिए आदर्श अंतराल 12 सप्ताह ही रहेगा। भारत ने मई में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में हर नागरिक को कम से कम कोरोना वैक्सीन की एक खुराक दी जा सके। हालांकि अभी तक इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
इससे पहले भी ये खबर सामने आई थी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बहुत जल्द कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के अंतर को 12 हफ्ते से घटाकर 8 हफ्ते कर सकता है। भारत सरकार ने 13 मई को कोविशील्ड की दो डोज लगवाने के बीच के समय को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का फैसला लिया था। वहीं इससे पहले सरकार ने दो डोज के बीच गैप को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह किया था।