दक्षिण चीन सागर पर भारत-जापान आए साथ, चाबहार समझौते पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की। इसमें चीन के लिए अहम माने जाने वाले दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी शामिल है।
नई दिल्ली। चीन की चेतावनी को दरकिनार कर भारत और जापान ने दक्षिण चीन सागर का मुद्दा अपनी बैठक में एक बार फिर शामिल किया। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने इस पर चर्चा की और इससे जुड़े विवाद को हल करने के लिए इसे संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन में उठाने पर जोर दिया।
दक्षिण चीन सागर पर भारत और जापान ने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की। इसमें चीन के लिए अहम माने जाने वाले दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी शामिल है।
6 वर्ष, पीएम मोदी का दूसरा जापान दौरा और यह डील हुई सील
टीओआई में छपी खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे से दक्षिण चीन सागर से जुड़े विवाद को लेकर चर्चा की। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को अपने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल किया।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे के साथ रणनीतिक तौर पर अहम इरान में चाबहार बंदरगाह पर एक साथ काम करने की संभावना पर भी चर्चा की।
चाबहार बंदरगाह पर साथ बढ़ने की कवायद
चाबहार बंदरगाह के जरिए भारत का पाकिस्तान से अलग अफगानिस्तान और केंद्रीय एशिया तक आना-जाना आसान हो जाएगा। ये बंदरगाह चीन के ग्वादर बंदरगाह का काउंटर होगा जो चीन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बनाया है।
मोदी गए जापान तो चीन ने इस्तेमाल की धमकी की भाषा
भारत और जापान ने लगातार दूसरे साल दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चर्चा की और इसे अपने ज्वाइंट स्टेटमेंट में शामिल किया।
बता दें कि इसी साल जुलाई में दक्षिण चीन सागर पर चीन के 'ऐतिहासिक' अधिकार को अंतराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने प्रत्यक्ष तौर पर खारिज कर दिया था।
चीन की धमकी का भारत ने दिया कूटनीतिक जवाब
भारत और जापान के संयुक्त बयान में दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर बयान जारी किया गया। जिसमें दोनों प्रधानमंत्रियों ने इसको लेकर हो रहे विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने पर जोर दिया। इसमें अंतरराष्ट्रीय लॉ के नियमों के आधार पर इसे निपटाया जाना चाहिए।
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आपको बता दें कि चीन के ग्लोबल टाइम्स ने दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर धमकी भरे लहजे में भारत को चेताते हुए व्यापार और कारोबार में नुकसान की बात कही थी।
फिलहाल भारत और जापान ने अधिकारियों को चाबहार पोर्ट के लिए आपसी सहयोग के साथ काम करने का निर्देश दिया है।