जीडीपी में चार दशक की सबसे बड़ी गिरावट के बीच कृषि से मिली राहत, पॉजिटिव ग्रोथ वाला इकलौता सेक्टर
नई दिल्ली। भारत की जीडीपी चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐसा 40 साल बाद हुआ है जब जीडीपी किसी तिमाही में -23.9 फीसदी पर रही। जीडीपी में शामिल किए गए कुल आठ सेक्टर्स में से केवल एग्रीकल्चर ही एकमात्र ऐसा सेक्टर रहा है, जिसमें नकारात्मक ग्रोथ नहीं है और बढ़त देखी गई है। बाकी सात सेक्टर्स में विकास दर नकारात्मक है। कृषि सेक्टर की ग्रोथ रेट 3.4 प्रतिशत रही है।
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कृषि क्षेत्र में ही सकारात्मक ग्रोथ
कृषि क्षेत्र में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3.4 फीसदी की वृद्धि हुई। बीते साल, 2019-20 की इसी तिमाही में कृषि सेक्टर में तीन फीसदी की वृद्धि हुई थी। यानी बीते सााल के मुकाबले कृषि में बेहतरी दिखी है। निर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 50.3 फीसदी की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र उत्पादन में 23.3 फीसदी की गिरावट आई जबकि एक साल पहले 2019-20 इसी तिमाही में 4.7 की वृद्धि हुई थी। बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवा क्षेत्र में भी 2020-21 की पहली तिमाही में 7 फीसदी गिरावट आई जबकि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 8.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
होटल क्षेत्र में 47 फीसदी गिरावट
इस तिमाही में होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं में इस तिमाही में 47 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 3.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 2020-21 की पहली तिमाही में 5.3 फीसदी की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में भी 10.3 फीसदी की गिरावट आई जबकि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में इसमें 7.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
सख्त लॉकडाउन को माना जा रहा वजह
कोरोना महामारी के बाद देशभर में लागू किए गए बेहद सख्त लॉकडाउन को इस गिरावट की वजह माना जा रहा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेक्टर जैसे क्षेत्र, जिनका देश की जीडीपी में लगभग 45 फीसदी हिस्सा है, पहली तिमाही के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो ये सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। जिससे आर्थिक तानाबाना चरमरा गया। ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है और इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या गिरावट आई है। इससे पता चलता है कि सालभर में अर्थव्यवस्था ने कितना अच्छा या खराब प्रदर्शन किया है।
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