क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Coronavirus: देश की नई FDI नीति से चीनी निवेश होगा मुश्किल, सरकार ने चीनी कंपनियों को दिया बड़ा झटका

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच ही भारत ने अपनी फॉरेन डायरेक्‍ट इनवेस्‍टमेंट (एफडीआई) नीति में बदलाव किया है। अब इस बदली हुई नीति के बाद उन तमाम विदेशी निवेशकों पर पूरी तरह से बैन लग जाएगा जो भारतीय सीमा से सटे देशों से रहने वाले हैं। नई नीति के बाद अब भारत के बॉर्डर साझा करने वाले देशों के विदेशी निवेशकों के लिए सरकारी मंजूरी हर हाल में अनिर्वाय होगी। सरकार की इस नीति का सीधा असर चीन और यहां के निवेशकों पर पड़ने वाला है और इसलिए यह नई नीति काफी महत्‍वपूर्ण हो गई है।

यह भी पढ़ें-WHO की फंडिंग में चीन और पाकिस्तान से काफी ऊपर है भारतयह भी पढ़ें-WHO की फंडिंग में चीन और पाकिस्तान से काफी ऊपर है भारत

कोविड-19 की वजह से बिजनेस पर पड़ा असर

कोविड-19 की वजह से बिजनेस पर पड़ा असर

माना जा रहा है कि इसका सीधा असर चीन पर पड़ेगा जो भारतीय कंपनियों के टेकओवर की कोशिशों में लगा हुआ है और कोविड-19 की वजह से उनकी मार्केट वैल्‍यू पर खासा असर पड़ा है। यह नई नीति इसलिए और ज्‍यादा खास इसलिए भी है क्‍योंकि इस तरह की बंदिशें पहले से ही पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के निवेशकों पर है। मगर अब इन प्रतिबंधों को चीनी निवेशकों तक भी बढ़ा दिया गया है। चीनी निवेशक हांगकांग, सिंगापुर और दूसरे देशों के रास्‍ते देश में निवेश करते हैं और इससे उन्‍हें बड़ा फायदा पहुंचता है। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर घरेलू कंपनियों के लिए मुश्किल माहौल का फायदा उठाते हुये बेहतर अवसर देखकर खरीदने की कोशिशों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।

महामारी का फायदा उठाने की फिराक में चीन

महामारी का फायदा उठाने की फिराक में चीन

सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें चीनी कंपनियां देश के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही थीं। कई ऐसी कंपनियां हैं देश में जिन्‍हें सीधे तौर पर चीन नियंत्रण करता है। महामारी की वजह से चीन की कई कंपनियां अब कोशिशों में लगी हैं कि ऐसी भारतीय कंपनियों का टेकओवर किया जा सके जिन पर खतरा मंडरा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां भी अब इस बात को लेकर चिंतित हैं। जानकारों के मुताबिक ज्‍यादातर एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से आता है। इसका सीधा मतलब यह होता है कि कंपनियों को निवेश के बाद बस अथॉरिटीज को जानकारी देनी होती है।

भारत सरकार ने बदले अपने सुर

भारत सरकार ने बदले अपने सुर

चीन के मामलों पर नजर रख रहे विशेषज्ञों की मानें तो भारत सरकार का कदम इसकी पहले की नीतियों के एकदम उलट है। महामारी के बीच अभी तक केंद्र सरकार चीन को महामारी के लिए जिम्‍मेदार नहीं मान रही थी। मगर अब कहीं न कहीं सरकार के सुर भी दुनिया में उठ रही आवाजों के साथ आ गए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्‍ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने बताया, भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं। भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी अगर इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, तो ऐसे निवेश के लिए भी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।

पाकिस्‍तान के लिए पहले से ऐसी नीति

पाकिस्‍तान के लिए पहले से ऐसी नीति

पाकिस्तान का कोई नागरिक अथवा पाकिस्तान में बनी कोई भी कंपनी केवल सरकारी मंजूरी के जरिये ही प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा और कुछ अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश प्रतिबंधित है। डीपीआईआईटी के मुताबिक किसी भारतीय कंपनी में मौजूदा एफडीआई या भविष्य के एफडीआई से मालिकाना हक बदलता है और इस तरह के सौदों में लाभार्थी भारत से सीमा साझा करने वाले देशों में स्थित होता है या वहां का नागरिक है, तो इनके लिए भी सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी।

Comments
English summary
India changes FDI policy to block threat of takeovers how China will be effected.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X