India-China: 1975 के बाद पहली बार चीन के साथ संघर्ष में शहीद हुए भारतीय सैनिक, नहीं चली एक भी गोली!
नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच टकराव अब हिंसक हो गया है। मंगलवार को जो खबरें आईं उसके मुताबिक पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ऑफ चाइना (पीएलए) के जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में इंडियन आर्मी के एक कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) रैंक के ऑफिसर समेत दो जवान शहीद हो गए हैं। सन् 1975 के बाद से यह पहला मौका है जब चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सेना को अपने सैनिक गंवाने पड़े हैं। जो बात और भी हैरान करने वाले हैं उसके मुताबिक इस ताजा घटनाक्रम में एक भी गोली दोनों तरफ से नहीं चली है।
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बड़े-बड़े पत्थर, रॉड्स की मदद
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत के 11 सैनिक घायल भी हुए हैं और पीएलए के पांच जवान मारे गए हैं। बताया जा रहर है कि सैनिकों की तरफ पत्थर फेंके गए और उन रॉड्स यानी छड़ों का प्रयोग किया गया है जो सड़क निर्माण के लिए थीं। हालांकि सेना की तरफ से इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है। सेना की तरफ से जो बयान जारी किया गया उसके मुताबिक, 'सोमवार रात पीएलए के साथ पूर्वी लद्दाख में हुए हिंसक टकराव में एक ऑफिसर के साथ कुछ जवानों का निधन हो गया है।' बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ा है। सन् 1975 के बाद पीएलए के साथ हुई टकराव में सेना को पहली बार अपने सैनिक गंवाने पड़े हैं।
1975 में शहीद हुए थे भारतीय सैनिक
सन् 1975 में अरुणाचल प्रदेश में भारतीय दल जिस समय गश्त पर था उस पर चीनी जवानों ने हमला बोल दिया था। सेना के मुताबिक सोमवार रात को यह घटना उस समय हुई है जब डि-एस्कलेशन प्रक्रिया जारी थी। झड़प में जूनियर कमांडिंग ऑफिसर (जेसीओ) रैंक के ऑफिसर भी शहीद हुए हैं। इस संकट के बीच ही दोनों पक्षों के सीनियर मिलिट्री ऑफिसर्स मीटिंग कर रहे हैं ताकि हालात को नियंत्रण में किया जा सके। सूत्रों की मानें तो हालात को नियंत्रित करने के लिए दोनों पक्षों की तरफ से बातचीत जारी है।
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लगातार हो रही है मीटिंग्स
हिन्दुस्तान टाइम्स की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत और चीन की सेना के मिलिट्री कमांडर्स कारू स्थित इंफेंट्री डिविजन के हेडक्वार्टर पर मीटिंग हुई है। मेजर जनरल अभीजित बापट ने अपने चीनी समकक्ष के साथ मुलाकात की और तनाव को कम करने पर चर्चा हुई है। इस मामले से अवगत कुछ लोगों ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि सभर जवान पत्थर और रॉड्स से हुए हमले में शहीद हुए हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब दोनों देशों की सेनाओं ने इस तरह से हाथापाई और पत्थरबाजी के जरिए एक-दूसरे पर हमला किया हो।
रक्षा मंत्री ने लिया हालात का जायजा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एलएसी की ताजा स्थितियों का जायजा लिया। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मुलाकात की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मीटिंग भी मौजूद थे। आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ताजा घटनाक्रम के बाद जम्मू के पठानकोट स्थिति मिलिट्री बेस का अपना दौरा रद्द कर दिया है। पांच और छह मई को लद्दाख की पैंगोंग झील पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आए थे। इसके बाद से ही लगातार हालात अनियंत्रित बने हुए हैं।